हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में पर्याप्त किताबें न आने से विद्यार्थियों को समय पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कई बार विवि के चक्कर काटने के बाद भी उनके हाथ निराशा लग रही है। यह स्थिति कोविड के बाद से बनी हुई है। एमए राजनीतिक विज्ञान के तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर की किताबें अब तक नहीं आ सकी हैं जबकि कुछ समय बाद परीक्षाएं होने वाली हैं। विवि प्रशासन ने 20 जून तक किताबें आने की उम्मीद जताई है। इसमें भी सभी विषयों की किताबें उपलब्ध हो पाएंगी, ऐसा निश्चित नहीं है।
उत्तराखंड मुक्त विवि के प्रदेश में आठ क्षेत्रीय सेंटर और 128 अध्ययन केंद्र हैं। विवि से क्षेत्रीय कार्यालयों में पाठ्य सामग्री भेजी जाती हैं जहां से छात्र-छात्राओं को उनके विषयों की किताबें मिलती हैं, लेकिन विवि में कई विषयों की किताबें लंबे समय से नहीं आ सकी हैं। हल्द्वानी समेत तमाम क्षेत्रों के विद्यार्थी पूछताछ के लिए रोजाना यूओयू पहुंच रहे हैं जहां से उन्हें किताबों के अभाव में खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। यूओयू से हजारों विद्यार्थी विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं। लंबे समय से किताबें न आने से वे अपने तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। कुछ समय बाद परीक्षाएं भी होनी हैं। ऐसे में छात्र-छात्राओं के बीच बिना किताबों के पढ़ाई को लेकर मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
बुधवार को चौखुटिया (अल्मोड़ा) से आई भावना मेहरा, हल्द्वानी से आई बबीता जोशी, नरेंद्र सिंह और कोटाबाग से आए भुवन चंद्र, गोपाल राणा ने बताया कि वे यूओयू से पॉलिटिकल साइंस से एमए कर रहे हैं। तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर की किताबें अबतक नहीं मिल पाई हैं। विवि में बने पुस्तकालय से किताबों के बारे में जानकारी मांगने पर बताया गया कि किताबें उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किताबें न मिलने से पढ़ाई बाधित हो रही है। बिना पाठ्य सामग्री के कैसे तैयारी होगी और कैसे परीक्षाएं देंगे।
कोट
कुछ विषयों की किताबें पहुंचने में देरी हुई है। 18 अप्रैल को संबंधित किताब एजेंसी को आर्डर दे दिया गया था। कोविड के कारण कागज में आई कमी से ऐसा हो रहा है। 20 जून तक विवि में किताबें आ जाएंगी। – डॉ. पीडी पंत, कुलसचिव यूओयू।
यूओयू में समय पर नहीं आ रही हैं किताबें 18-45-49
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