Wednesday, November 6, 2024
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सूरजकुंड में चिंतन शिविर: डीजीपी बोले, रविवार को होते हैं अधिकांश साइबर क्राइम, खुली रहें बैंकों की हेल्पलाइन

सूरजकुंड (हरियाणा) में गृह मंत्रालय के चिंतन शिविर में उत्तराखंड पुलिस ने साइबर क्राइम और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ज्यादातर साइबर अपराध (बैंक फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी आदि) रविवार के दिन होते हैं। लेकिन, इस दिन बैंकों की हेल्पलाइन बंद होती हैं। इससे त्वरित कार्रवाई करते हुए खातों से हुई ट्रांजेक्शन को रोकने में परेशानी होती है। लिहाजा, बैंकों की हेल्पलाइन को सातों दिन 24 घंटे चालू रखा जाए। ताकि, लोगों को त्वरित राहत दिलाई जा सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह मंत्रालय के चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया था। शिविर के दूसरे दिन शुक्रवार को उत्तराखंड समेत चार राज्यों को साइबर क्राइम और सुरक्षा पर प्रस्तुतिकरण के लिए चुना गया था। इस क्रम में मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी अशोक कुमार ने साइबर विषयों पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान उन्होंने ई-सुरक्षा के मॉडल को बताया। वर्ष 2021 के पावर बैंक घोटाले और वर्ष 2022 में फर्जी चाईनीज वेबसाइट के माध्यम से घोटालों के खुलासे का भी विवरण दिया। बताया कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है जहां के साइबर थानों में जीरो एफआईआर होती है। इससे लोगों को त्वरित राहत मिल रही है। इन सबके अलावा डीजीपी की ओर से आईटी एक्ट कानून और साइबर क्राइम की विवेचना के संबंध कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। उन्होंने बताया कि अभी तक के ट्रेंड के अनुसार ज्यादातर साइबर फ्रॉड (जिनमें खाते से पैसा निकाला जाता है) रविवार को ही होते हैं। पुलिस चाहकर भी इनमें त्वरित कार्रवाई नहीं कर सकती है। क्योंकि, इस दिन बैंक और उनकी हेल्पलाइन बंद होती हैं। उन्होंने आईटी एक्ट को और मजबूत बनाने का सुझाव दिया। कहा कि अभी तक आईटी एक्ट में सात वर्ष से कम सजा का प्रावधान है। ऐसे में अपराधी इस बात का फायदा उठाकर आसानी से जमानत पा जाते हैं। लिहाजा, इस कानून को और अधिक कड़ा करते हुए इसमें सजा को बढ़ाया जाए।
सब इंस्पेक्टर को मिले विवेचना का अधिकार
डीजीपी ने शिविर में बताया कि आईटी एक्ट के मुकदमों में विवेचना का अधिकार इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को है। इंस्पेक्टर प्रमोशन के आधार पर भरा जाने वाला पद है। आमतौर पर हर प्रदेश में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी कम होते हैं। मौजूदा समय में साइबर अपराध बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि इस अपराध की विवेचना का अधिकार भी सब इंस्पेक्टर को दिया जाए। ताकि, समय पर विवेचना हो और अपराधियों को सजा दिलाई जा सके।
भड़काऊ पोस्ट और फर्जी खबर के संबंध में बने सख्त कानून
चिंतन शिविर में भड़काऊ पोस्ट और फर्जी खबरों को लेकर चर्चा हुई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात को बेहद चिंताजनक बताया है। सभी से एहतियात बरतने को भी कहा है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस की ओर से भी इसके लिए सुझाव दिए गए हैं। डीजीपी ने शिविर में कहा कि भड़काऊ पोस्ट और फर्जी खबरों को लेकर एक सख्त कानून की आवश्यता है। साथ ही ऐसा प्रावधान हो कि इन पोस्ट को सोशल मीडिया से तत्काल हटाया जा सके।

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