इंडियन किंग कोबरा, रसेल वाइपर, करैत, पाइथन, स्पेटेकल्स कोबरा जैसे हजारों खतरनाक सांपों और बाघ, तेंदुआ जैसे सैकड़ों वन्यजीवों को बेहद खतरनाक परिस्थितियों में रेस्क्यू करके उन्हें सुरक्षित जंगलों में पहुंचाकर नई जिंदगी देने वाले कोबरा मैन रवि जोशी का निधन हो गया है। रवि जोशी कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए। विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ आम शहरियों में कोबरा मैन के नाम से चर्चित रवि जोशी के असमय निधन से शोक व्याप्त है। वहीं उनके परिजनों के समक्ष आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। रात हो या दिन, बारिश हो या बेहद सर्द मौसम वन विभाग के अधिकारियों को जहां भी जहरीले सांपों की जानकारी मिलती तो फौरन रवि जोशी ही याद आते थे। रवि भी बगैर कोई देरी किए मौके पर पहुंचते थे और सांपों को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़कर ही घर लौटते थे।इसके अलावा बाघ, तेंदुआ जैसी वन्यजीवों को भी कई बार उन्होंने रेस्क्यू किया। एक बार तो बेहद गहरे कुएं में गिरे बारहसिंघा को भी उन्होंने अपनी सूझबूझ से बचाया था। आम शहरियों के बीच भी रवि जोशी एक जाना-पहचाना चेहरा थे। इस बीच उन्हेें कैंसर बीमारी ने भी अपनी गिरफ्त में ले लिया लेकिन उन्होंने जहरीले सांपों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित छोड़ने का काम जारी रखा। रवि अक्सर कहते थे कि सांपों की जिंदगी भी मेरी जिंदगी जैसी कीमती है ऐसे में उनकी जिंदगी बचाना मेरा परम कर्तव्य है।
सांप को मारने पर हुए थे बेहद दुखी, सुनाई थी खरीखोटी
एक बार किसी व्यक्ति ने कोबरा मैन रवि जोशी को सूचना दी कि उनके घर में सांप छिपा है। जानकारी मिलते ही रवि मौके पर पहुंचे लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही लोगों ने सांप को लाठियों से पीटकर मार डाला। कोबरा मैन रवि जोशी ने मौके पर पहुंचकर उन लोगों को काफी खरी-खोटी सुनाई थी।
विभागीय अधिकारियों ने नहीं ली कोई सुध
दुखद पहलू यह है कि जहां एक तरफ कोबरा मैन आला विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर खतरनाक सांपों को पकड़कर उन्हें नई जिंदगी देते थे, वहीं उनके निधन के बाद किसी भी विभागीय अधिकारी ने परिजनों से कोई संपर्क नहीं किया। अधिकारियों की इस बेरुखी से रवि जोशी की पत्नी लक्ष्मी जोशी काफी दुखी हैं। दिवंगत रवि जोशी की इकलौती बेटी है। लक्ष्मी को यही चिंता सता रही है कि रवि के निधन के बाद परिवार का पालन-पोषण कैसे होगा।
हजारों सांपों की जिंदगी बचाने वाले कोबरा मैन का निधन, कैंसर के चलते ली अंतिम सांस
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