कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के दौरान अवैध रूप से काटे गए पेड़ों के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से गठित कमेटी शीघ्र ही पाखरो का स्थलीय निरीक्षण करेगी। इस संबंध में सोमवार को नई दिल्ली में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में महानिदेशक वन सीपी गोयल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने प्रकरण से जुड़ी जानकारियां कमेटी के सम्मुख उपलब्ध कराई। इस संबंध में डॉ. सिन्हा ने बताया कि एनजीटी की ओर से गठित तीन सदस्यीय समिति शीघ्र ही पाखरो रेंज में पहुंचकर मौका-मुआयना करेगी।
इस मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की टीम पहले ही जांच कर चुकी है। इसके बाद विभागीय जांच भी हुई, जिसमें रेंजर और दो आईएफएस पर निलंबन की गाज गिरी। पिछले दिनों भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) ने अपनी रिपोर्ट सौंपी तो उसमें 163 पेड़ों के सापेक्ष छह हजार से अधिक पेड़ काटे जाने की बात सामने आई। इसके बाद एनजीटी ने इस मामले स्वत: संज्ञान लेते हुए 21 अक्तूबर को आदेश पारित कर टाइगर सफारी निर्माण में रोक लगाते हुए महानिदेशक वन, महानिदेशक वन्यजीव और महानिदेशक प्रोजेक्ट टाइगर की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसे एक माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है। इस संदर्भ में सोमवार को नई दिल्ली में बैठक आयोजित की गई थी। डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि कमेटी के सदस्य संभवत: इसी सप्ताह पाखरो का दौरा कर सकते हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तहत पाखरो का स्थलीय निरीक्षण करेगी एनजीटी की ओर से गठित कमेटी
RELATED ARTICLES