भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। पहाड़ की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत एक बार फिर देखने को मिली। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण में इलाज नहीं मिला। डॉक्टरों ने जटिल केस का हवाला देकर उसे रेफर कर दिया। 50 किमी चलने के बाद 108 एंबुलेंस में ही सड़क किनारे उसका सुरक्षित प्रसव किया गया। महिला ने बेटी को जन्म दिया। भिकियासैंण तहसील के सराईखेत गांव की सुरजी को शुक्रवार शाम प्रसव पीड़ा हुई। पति संजय सिंह नेगी उसे 5:45 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण ले गए। संजय के अनुसार वहां डॉक्टरों ने प्रसव कराने से हाथ पीछे खींचते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। उन्होंने हायर सेंटर रामनगर और हल्द्वानी की दूरी का हवाला दिया मगर डॉक्टरों ने इसे जटिल केस बता दिया। इसके बाद परिजन शाम 6:18 बजे सुरजी को 108 एंबुलेंस की मदद से 95 किमी दूर रामनगर के लिए ले गए। संजय के अनुसार करीब 50 किमी दूर कुमेरिया पहुंचने पर पत्नी की प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई। इस पर सड़क किनारे ही एंबुलेंस को रोका गया। 108 के ईएमटी कंचन भास्कर ने एंबुुलेंस में ही उसका प्रसव करा दिया। इसके बाद जच्चा-बच्चा को रामनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कोट
महिला के प्रसव की तारीख छह दिसंबर थी। प्रसव का समय अधिक हो गया था। स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ भी छुट्टी में थीं इस कारण हायर सेंटर रेफर करना पड़ा। – डॉ. पीयूष रंजन, प्रभारी सीएचसी भिकियासैंण
हर महीने 108 एंबुलेंस में होते हैं 10 से अधिक प्रसव
भिकियासैंण। जिले में हर महीने 108 एंबुलेंस में 10 से अधिक प्रसव हो रहे हैं। 108 प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से अधिकतर गर्भवतियों को किसी न किसी अस्पताल से रेफर किया जाता है। हायर सेंटर पहुंचने से पहले ही उनका एंबुलेंस में प्रसव हो रहा है। जहां डॉक्टर जटिल केस बताकर रेफर कर रहे हैं वहीं 108 कर्मी उनका एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करा रहे हैं।
प्रसव पीड़ा पर डॉक्टरों की संवेदनाएं
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