नैनीताल। हाईकोर्ट ने संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून के उस प्रस्ताव पर रोक लगा दी है जिसमें 10 साल से अधिक पुराने ऑटो व विक्रम को सीएनजी या बी-6 में बदले जाने की बात कही गई थी। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। विक्रम जन कल्याण समिति देहरादून व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरटीओ देहरादून के 1 नवंबर 2022 के प्रस्ताव 7 ए को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि आरटीओ ने अपने प्रस्ताव में दस साल पुराने ऑटो व विक्रम को 31 मार्च 2023 तक सीएनजी या बी-6 में बदलने की बात कही थी, जबकि 10 साल से कम अवधि के ऑटो व विक्रम के लिए यह समय सीमा 31 दिसंबर 2023 निर्धारित थी। याचिका में कहा गया कि मोटरयान अधिनियम 1988 की 59 के मुताबिक किसी भी वाहन की उम्र केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के जरिये तय होती है। यह अधिकार आरटीओ को नहीं है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने आरटीओ देहरादून के इस प्रस्ताव की धारा 7 ए पर रोक लगा दी। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। इसी तरह की याचिकाएं ऋषिकेश, हरिद्वार व रुड़की की भी थीं। यही आदेश इन क्षेत्रों में भी लागू होगा।
संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून के प्रस्ताव पर रोक
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