रानीखेत (अल्मोड़ा)। छावनी परिषद का चुनाव स्थगित होने के बाद चुनाव बहिष्कार समिति ने मुद्दा बदल दिया है। समिति का आंदोलन अब नागरिक क्षेत्र को नगरपालिका में शामिल करने की मांग में तब्दील हो चुका है। नागरिकों ने शनिवार को दूसरे भी यहां गांधी चौक पर धरना दिया। उन्होंने छावनी के नागरिक क्षेत्र के चिलियानौला नगर पालिका में शामिल होने तक आंदोलन चलाने का निर्णय लिया। इसके लिए लोकसभा समेत सभी चुनावों के बहिष्कार की चेतावनी दी गई। मांग पूरी कराने के लिए 28 मार्च को बाजार बंद कर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, रक्षा राज्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।
धरना स्थल पर हुई सभा में ब्लाक प्रमुख हीरा रावत ने कहा कि छावनी परिषद के पुराने कानूनों से जनता परेशान है। समिति के सदस्य हेमंत माहरा सहित कई वक्ताओं ने कहा कि छावनी परिषद के जटिल कानूनों के कारण वहां के नागरिक दोयम दर्जे का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। झूलादेवी से चौबटिया की सड़क को कई बार बंद किया जा रहा है। उस दौरान लोग आवाजाही के लिए परेशान रहते हैं। विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल गोल्फ कोर्स भी आम जनता और पर्यटकों के लिए बंद है। नागरिकों को संपत्ति के मालिकाना हक से वंचित रखा जा रहा है। भवन निर्माण संबंधी कार्यों पर रोक लगी है। गृहकर के बराबर जलकर वसूलकर उनका शोषण किया जा रहा है। वहां व्यापार संघ अध्यक्ष मनीष चौधरी, गिरीश भगत, मोहन नेगी, हिमांशु उपाध्याय, रचना रावत, अनूप अग्रवाल, राजेंद्र जसवाल, भगवंत नेगी, कैलाश पांडेय, उमेश पंत सहित होटल एसोसिएशन, व्यापार मंडल, छात्रसंघ सहित कई संगठनों के सदस्य मौजूद रहे।
सभी चुनावों के बहिष्कार का एलान
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