रुद्रपुर। हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत होने के बाद जिले की पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है। पुलिस ने अपने-अपने थाना क्षेत्रों में बन रही कच्ची शराब की कई भट्ठियों को तोड़कर 2,35,000 लीटर लहन नष्ट किया। हरिद्वार की लक्सर तहसील के फूलगढ़ में शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत होने के बाद एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने जिले की पुलिस को कच्ची शराब बनाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया। इस दौरान जिले के सभी 17 थानों की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्रों में कुल 2,35,000 लीटर लहन नष्ट किया है। इस दौरान कई भट्ठियां तोड़कर करीब एक हजार लीटर शराब भी बरामद की। इसके साथ ही 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
काशीपुर में 13 आरोपी दबोचे, 320 लीटर शराब बरामद, दो बाइकें भी सीज कीं
काशीपुर/सुल्तानपुर पट्टी। सीओ काशीपुर वंदना वर्मा के नेतृत्व में काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, कुंडा, आईटीआई क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। टीमों ने 320 लीटर अवैध शराब बरामद कर 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा दर्जनों भट्ठियों के साथ ही हजारों लीटर लहन भी मौके पर नष्ट कर दिया। पुलिस ने शराब ढोने में प्रयुक्त दो बाइकें भी सीज की हैं। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर व गुंडा एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। इधर सुल्तानपुर पट्टी चौकी इंचार्ज जगत सिंह शाही ने पुलिस टीम के साथ निरंजन निवासी मड़ैया बख्शी को 12 लीटर कच्ची शराब के साथ ग्राम मड़ैया बख्शी से गिरफ्तार किया है।
खेत में सुलग रही थी भट्ठी, एक दबोचा, दूसरा फरार
नानकमत्ता। थानाध्यक्ष देवेंद्र गौरव ने मुखबिर की सूचना पर रविवार को एसआई संजय कुमार, कांस्टेबल नवनीत कुमार व मोहन गिरी के साथ ग्राम बिडोरा निवासी कुलदीप सिंह के खेत में छापा मारा। खेत में कुलदीप सिंह व सुखदेव सिंह भट्ठी लगाकर अवैध तरीके से शराब बना रहे थे। पुलिस ने सुखदेव को मौके पर ही दबोच लिया जबकि कुलदीप सिंह गच्चा देकर फरार हो गया। पुलिस ने मौके से 100 लीटर तैयार शराब, दो ड्रम व उपकरण बरामद किए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।
किच्छा में भी एक गिरफ्तार, लहन नष्ट किया
किच्छा। कोतवाल धीरेंद्र कुमार ने बताया कि लालपुर व कलकत्ता फार्म क्षेत्र में कार्रवाई कर 17,000 लीटर लहन नष्ट किया गया है। लालपुर से अवैध शराब के मामले में बलजीत सिंह को गिरफ्तार न्यायालय में पेश किया गया।
खटीमा में दस भट्ठियां व 20 हजार लहन नष्ट किया गया
खटीमा। पुलिस ने कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाते हुए दस भट्टियां एवं बीस हजार लीटर लाहन नष्ट किया।
सीओ वीर सिंह के निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक नरेश चौहान के नेतृत्व में थाना एवं चौकी स्तर पर कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाया गया। चौकी मझोला के ग्राम बनगवां रघुलिया, सतपुड़ा एवं थाना क्षेत्र के ग्राम आलावृद्धि के जंगल में कार्रवाई करते हुए करीब दस भट्ठियां तोड़ी गईं। इसके अलावा करीब 20 हजार लीटर लहन नष्ट किया गया। शराब बनाने के उपकरणों को भी मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इधर पुलिस ने गुड्डू निवासी शिव कॉलोनी को 36 पाउच शराब के साथ गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
कच्ची शराब में मिथाइल और इथाइल अल्कोहल का कॉकटेल बनता है मौत की वजह
काशीपुर। मयखाने में किसने कैसी पी, ये किसे पता लेकिन तेरा मयखाना तो बस्ती के कई घर पी गया। जी हां! उत्तराखंड में हर गांव-गली में चल रहे अवैध मयखाने आए दिन लोगों की जान ले रहे हैं। जहरीली शराब से जब कभी कोई बड़ा हादसा होता है तभी सरकारी महकमे में खलबली मचती है। महज तीन साल के अंतराल में अकेले हरिद्वार में ही दो बार जहरीली शराब के कारण 24 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कच्ची शराब आखिर जहरीली क्यों हो जाती है। पड़ताल करने पर पता लगा कि गांवों में कच्ची शराब बनाने की प्रक्रिया काफी खतरनाक होती है। इस प्रक्रिया में आसवन (डिजिटिलेशन) सही तरीके से नहीं हो पाता क्योंकि शराब तैयार करने के लिए एक खास तरीके से भाप को तरल में परिवर्तित करना होता है। इस प्रक्रिया में पहले मिथाइल और उसके बाद इथाइल निकलता है। इथाइल से ही शराब तैयार होती है लेकिन देसी तरीके से शराब तैयार करने में मिथाइल और इथाइल अल्कोहल का कॉकटेल बन जाता है। शराब के लहन को सड़ाने के लिए ऑक्सी टॉक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें नौसादर, बेसरमबेल की पत्ती और यूरिया तक मिलाया जाता है। ये तत्व शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं। इन चीजों को मिलाकर फर्मेंटेशन यानी किण्वन करने से एथिल अल्कोहल की बजाय मेथिल अल्कोहल की मात्रा अधिक हो जाती है। यही शराब को जहरीला बनाने का कारण है। इससे इतर, डिस्टलरी के लिए सरकार बाकायदा लाइसेंस जारी करती है। बॉटलिंग प्लांट के वैज्ञानिकों को आसवन की पूरी प्रक्रिया और तकनीक की समझ होती है।
इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि कैसे इथाइल अल्कोहल को पृथक किया जाए। आबकारी निरीक्षक सोनू सिंह ने बताया कि भारत में तैयार होने वाली अंग्रेजी शराब शुगर मिलों के उत्पाद इथाइल अल्कोहल, परिशोधित स्प्रिट में पानी, रंग और कृत्रिम गंध मिलाकर बनाई जाती है। उत्तराखंड में हरिद्वार और तराई क्षेत्र ही कच्ची शराब की अवैध इंडस्टरी के रूप में जाने जाते हैं। 16 फरवरी 2019 में हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इससे सटे यूपी के सहारनपुर में 18 और कुशीनगर में 10 लोगों की जिंदगी जहरीली शराब गटक चुकी है।
शराब तस्करों के खिलाफ नहीं हुई गुंडा और गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई
काशीपुर। कच्ची शराब बेचने वालों और पुलिस के बीच आंखमिचौली का खेल लगातार चल रहा है। पुलिस कच्ची शराब बेचने वालों की धरपकड़ कर उन पर मुुकदमे तो लगा रही है लेकिन उनके विरुद्ध गुंडा व गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं करती। इस वर्ष काशीपुर, जसपुर, कुंडा और आईटीआई पुलिस शराब तस्करों के खिलाफ 150 से अधिक मुकदमे दर्ज कर चुकी है लेकिन एक भी आरोपी पर प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं हो सकी। कांड हो जाने के बाद अब पुलिस आननफानन में छापे मारकर तस्करों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने की बात कह रही है। कोर्ट में अधिकांश आरोपी अपना जुर्म कबूल कर रहे हैं। उनसे पांच हजार का जुर्माना वसूल कर रिहा कर दिया जाता है। ऐसे में शराब के अवैध धंधे पर अंकुश कैसे लगेगा यह यक्ष प्रश्न है।
एक दिन में नष्ट किया 2.35 लाख लीटर लहन
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