बागेश्वर। मोबाइल फोन वर्तमान समय की जरूरत बन चुका है या लत, यह बहस का विषय हो सकता है लेकिन उत्तरायणी मेले में जो मंजर दिख रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि मोबाइल से बढ़कर कोई चीज नहीं है। मेला घूमने के लिए अब साथी नहीं एक मोबाइल का होना जरूरी है। जिधर देखो लोग सेल्फी, रील, वीडियो बनाने में मगन हैं। उत्तरायणी मेले को आकर्षक बनाने के लिए इस बार नगरपालिका ने सरयू नदी में बने पैदल पक्के पुल के पास सेल्फी प्वाइंट बनाया है। पुल को भी बिजली के झालर और झूमर से सजाया गया है। जिस दिन से सेल्फी प्वाइंट बना है। सैकड़ों लोग वहां अपनी सेल्फी ले चुके हैं। पुल की सजावट को भी कैमरे में कैद करने का कोई मौका लोग छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। हालात यह हैं कि पुलिस को मजबूरन लोगों को पुल से हटाना पड़ रहा है। इसके बावजूद लोग खासतौर पर युवा पीढ़ी हर एक पल को अपने मोबाइल में कैद कर लेना चाहती है।
एक समय था, जब मेला घूमने वाले दुकान, झूले, प्रदर्शनी आदि को लेकर उत्साहित रहते थे लेकिन अब चलन बदला नजर आ रहा है। दुकान से खरीदारी करने के बजाय आगे खड़े होकर सेल्फी लेने या बाजारों में उमड़ी भीड़ को मोबाइल में कैद कर लोगों तक पहुंचाने की होड़ सी लगी है। अधिकतर मेलार्थी मोबाइल से मेला देख रहे हैं जबकि कुछ ही लोग हैं जो वास्तविक तौर पर मेला देख रहे हैं।
उत्तरायणी मेले में दिख रहा अजब मंजर, मेले में लोग और मोबाइल पर नजर
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