चकराता के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनिवार्य तबादले का आदेश न माने वाले शिक्षकों की पदोन्नति कर उनका मनचाही जगह पर तबादला करने के मामले में विभाग ने जांच के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक वंदना गर्ब्याल ने सीईओ देहरादून से इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा विभाग ने विगत आठ जुलाई को तबादला एक्ट के तहत 13 शिक्षकों के सुगम से दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनिवार्य तबादले किए थे। जिनमें से कुछ शिक्षकों का देहरादून के चकराता ब्लॉक के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में तबादला किया गया था, लेकिन ये शिक्षक सुगम से दुर्गम में अनिवार्य तबादला आदेश के बावजूद चकराता नहीं गए।
इसके बाद विभाग ने सात नवंबर को राजकीय प्राथमिक स्कूल के 45 सहायक अध्यापकों को प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नत किया। इनमें कई शिक्षक वे भी हैं जिनका आठ जुलाई को अनिवार्य तबादला हुआ था, लेकिन इन शिक्षकों ने चकराता के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में पदभार ग्रहण नहीं किया। जिन्हें विभाग ने अब पदोन्नत कर विकासनगर, रायपुर आदि क्षेत्र के स्कूलों में तबादला कर दिया। हैरानी की बात यह है कि विभाग ने इन शिक्षकों को पदोन्नत कर तबादले का जो आदेश किया है उसमें इन शिक्षकों के स्कूल चकराता क्षेत्र में होना दर्शाया गया है जबकि ये शिक्षक चकराता गए ही नहीं। सीईओ देहरादून मुकुल कुमार सती को प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें कहा गया है कि शीघ्र जांच कर शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जाए। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – वंदना गर्ब्याल, निदेशक बेसिक शिक्षा
तबादला आदेश न मानने वाले शिक्षकों की पदोन्नति मामले में जांच के निर्देश
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