बागेश्वर। जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पद नहीं भरे जा सके हैं। प्राथमिक विद्यालय जौलकांडे नवीन भी करीब एक साल से एकल शिक्षक के सहारे चल रहा है। शिक्षकों की कमी का असर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ रहा है। मात्र दो कमरों के भवन में प्राथमिक और आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की पढ़ाई होने से विद्यार्थियों को जगह की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने मुख्य शिक्षाधिकारी (सीईओ) को ज्ञापन देकर शिक्षकों के पद भरने और भवन बढ़ाने की मांग की है।
जौलकांडे गांव जिला मुख्यालय से दस किमी की दूरी पर बसा है। गांव के प्राथमिक विद्यालय भवन में तीन कमरे हैं। एक कमरे में कार्यालय बना है। वहां 34 बच्चों के पास बैठने के लिए सिर्फ दो कमरे हैं। एक कमरे में प्राथमिक की कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चे बैठते हैं जबकि एक कमरे में आंगनबाड़ी के 10 बच्चों को पढ़ाया जाता है। कमरे कम होने के कारण अक्सर विद्यालय परिसर में बच्चों की कक्षाएं चलानी पड़ती हैं। जौलकांडे के पूर्व प्रधान दरवान सिंह बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मंगलवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भेजा। इसमें बताया कि शिक्षक और कमरों की कमी से आए दिन परेशानी हो रही है। बारिश होने पर बैठने तक की जगह नहीं मिल पाती है। उन्होंने विद्यालय में शिक्षक की तैनाती कर दो कमरों के निर्माण की मांग की है।
एकल शिक्षक के भरोसे चल रही 34 विद्यार्थियो की शिक्षा
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