हल्द्वानी। कुमाऊं रेजीमेंट की 19वीं बटालियन का 44वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। 19-कुमाऊं के गौरव सेनानी, वीरांगनाएं, वीर नारियों और उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे। बटालियन की गौरवगाथा सुन सभी के मन में देशभक्ति का भावना का संचार हुआ। इस दौरान वीरांगनाओं और वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया। शुक्रवार को आरटीओ रोड स्थित बरातघर में कुमाऊं रेजीमेंट की कुलदेवी कालिका माता के चित्र पर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त कर्नल जीएस बिष्ट और संरक्षक सेवानिवृत्त मेजर कुंवर सिंह महरा ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत रेजिमेंटल गीत गाकर की गई। साथ ही वीर नारियों और वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया। घुघूती जागरण की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेशकर समां बांधा। 19वीं बटालियन के इतिहास और उपलब्धियों को साझा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बटालियन को अरुणाचल की भारत-चीन सीमा पर तैनात किया गया। वहां अरुणाचल की अजेय मानी जाने वाली गोरीचेन पर्वत श्रंखला पर फतह हासिल की। बटालियन ने आतंकवाद और उग्रवाद बहुल क्षेत्रों में आतंकवादियों का दमन करते हुए क्षेत्र में शांति सद्भाव और स्थिरता कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सम्मान समारोह में सेनि. मेजर भूपाल सिंह रौतेला, सेनि. कैप्टन पुष्कर सिंह भंडारी, सेनि. मेजर कुंवर सिंह मेहरा, सेनि. सूबेदार मेजर श्याम सिंह बिष्ट, सेनि. कैप्टन राम दत्त, नारायण सिंह रावत, मदन सिंह राठौर, बद्रीदत्त आदि लोग मौजूद रहे।
सियाचिन ग्लेशियर में स्थायी चौकियां स्थापित कीं
19-कुमाऊं भारतीय सेना के इतिहास में पहली एकमात्र बटालियन है जिसने भीषण सर्दी के मौसम और विपरीत हालात में श्रीनगर से युद्ध के साजोसामान के साथ 450 किमी पैदल चलकर 40 फीट बर्फ से ढके जोजिला (ऊंचाई 11575 फीट) और खरदुंगला (ऊंचाई 18300 फीट) दर्रे को पार कर विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पहुंचकर स्थाई चौकियां स्थापित कीं। साथ ही कई पाकिस्तानी चौकियों को अपने कब्जे में लिया। एक ऑफिसर और 20 जवानों ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इस शहादत के लिए ग्लेशियर में एक पोस्ट का नाम पुंडीर पोस्ट रखा गया है।
कोट…
अग्निवीर योजना को कई लोगों ने विवादित बना दिया है। इसकी विशेषता को समझने और योजना के बारे में जानकारी लेने जरूरत है। देश के हर युवा को इसमें प्रतिभाग करना चाहिए। अग्निवीर योजना से देश के अधिक से अधिक युवा प्रशिक्षित बनेंगे। आपातकाल के समय में अग्निवीर अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। – मेजर (रि.) बीएस रौतेला।
कोट…
28 साल फौज में रहकर देश सेवा की है। 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा। आज 19 कुमाऊं अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है। हर सेनानी को इस पर गर्व है। – कैप्टन (रि.) श्याम सिंह बिष्ट।
कोट…..
19 कुमाऊं का गौरवशाली इतिहास रहा है। हर साल इसका स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस बार भव्य तरीके से स्थापना दिवस मनाया गया है। इस प्रकार के आयोजन से पुराने लोग मिलते हैं और पुरानी यादें ताजा होती हैं। – कैप्टन (रि.) राम दत्त।
पूर्व सैनिकों ने हर्षोल्लास से मनाया 19 कुमाऊं का स्थापना दिवस
RELATED ARTICLES