अल्मोड़ा। जिला अस्पताल में डॉक्टरों के अवकाश पर रहने से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मरीज बैरंग लौटे तो कुछ मरीजों ने बेस और निजी अस्पताल में उपचार कराया। सोमवार को जिला अस्पताल खुलने पर अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज इलाज करने पहुंचे थे लेकिन फिजीशियन, चर्म और ईएनटी रोग विशेषज्ञ के अवकाश पर रहने से मरीजों की फजीहत हुई। डॉक्टर नहीं होने से कई मरीजों को पांच किमी दूर बेस अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ी। कई मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार कराना है। बेस अस्पताल आने जाने और निजी अस्पतालों में उपचार कराने में मरीजों की जेब ढीली हुई। गांवों से आए मरीजों को अधिक परेशानियां झेलनी पड़ीं। सोमवार को जिला अस्पताल में ओपीडी 400 रही।
मरीजों का कहना है कि डॉक्टरों के अवकाश पर रहने के दौरान उपचार की वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए ताकि लोगों को दिक्कतों से न जूझना पड़े। इधर, बेस अस्पताल में भी मरीजों की भीड़ रही। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज सनवाल ने कहा कि एक साथ कई डॉक्टरों को अवकाश देना अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही है। इसका खामियाजा मरीजों और तीमारदारों को भुगतान पड़ रहा है। जन प्रतिनिधियों को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। चर्म रोग विशेषज्ञ का स्वास्थ्य खराब होने से वह अवकाश में है। अवकाश के बाद डॉक्टर जल्द ड्यूटी पर लौट आएंगे। मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। – डॉ. कुसुमलता, प्रभारी पीएमएस जिला अस्पताल
डॉक्टरों के अवकाश में रहने से मरीजों की हुई फजीहत
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