Wednesday, February 12, 2025
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किसानों ने समिति निदेशक का किया घेराव, बंधक बनाया

जसपुर। किसान सेवा सहकारी समिति की ओर से किसानों को यूरिया उर्वरक के साथ नैनो यूरिया और जिंक दिए जाने पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने समिति परिसर में हंगामा किया। बाद में किसानों ने प्रबंध निदेशक का घेराव कर उन्हें बंधक बना लिया। प्रबंध निदेशक के समझाने पर किसान बमुश्किल शांत हुए। बुधवार को भाकियू के सदस्यों ने किसान सेवा सरकारी समिति कार्यालय पहुंचकर समिति के प्रबंध निदेशक हेमराज सिंह चौहान का घेराव कर कहा कि किसानों को यूरिया के साथ नैनो यूरिया न दी जाए। उनकी मांग थी कि समिति का प्रतिमाह यूरिया का कोटा 300 एमटी किया जाए। किसानों ने कहा कि गेहूं और गन्ने की फसलों पर किसानों की ओर से नैनो यूरिया के प्रयोग करने पर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। किसानों को नैनो यूरिया जबरदस्ती न सौंपा जाए।
किसानों को आक्रोशित देख समिति के प्रबंध निदेशक ने इफ्को के क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक नीरज डोभाल से किसानों की दूरभाष पर वार्ता कराई। सहकारी समिति के प्रबंध निदेशक चौहान ने आश्वासन दिया कि किसानों को उनकी यूरिया की मांग के अनुसार 20 प्रतिशत नैनो यूरिया ही दिया जाएगा। प्रबंध निदेशक के समझाने पर किसान शांत हुए। आक्रोशित किसानों ने कहा कि सरकार का यह कदम किसानों के हित में नहीं है। इस दौरान जगजीत सिंह भुल्लर, अमनप्रीत सिंह, सुखबीर सिंह, हरभजन सिंह, गुरु चरण सिंह, मोहम्मद दिलशाद, मोहम्मद इरशाद, कुलविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह, गुरनाम सिंह, इंद्रजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
कंचनपुरी सहकारी समिति में यूरिया न मिलने से किसान परेशान
खटीमा। कंचनपुरी दीर्घाकार बहुउद्देशीय सहकारी समिति में किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है। यूरिया के अभाव में किसान धान की फसल को लेकर चिंतित हैं। किसान दिनभर समिति में यूरिया पहुंचने का इंतजार करते रहते हैं। इधर, यूरिया न होने के कारण समिति के गोदाम में एक माह से ताले लटके हैं। इससे किसानों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समिति से जुड़े किसानों की माने तो यूरिया के साथ दी जाने वाली नैनो यूरिया नहीं लेने की वजह से यूरिया का अभाव बना है। यूरिया के लिए समिति के गोदाम के तीन दिन से चक्कर लगा रहा हूं लेकिन यूरिया नहीं मिल पाई। इससे काफी परेशानी हो रही है। – कश्मीर सिंह, किसान हल्दी निवासी।
यूरिया के साथ नैनो यूरिया दी जा रही थी। नैनो यूरिया का धान की फसल में कोई काम नहीं है। जबरदस्ती दी जाने वाली नैनो यूरिया को नहीं लिया जा रहा। – राम प्रसाद, किसान।
यूरिया के साथ नैनो यूरिया भी भेजी जा रही थी। नैनो यूरिया किसान नहीं लेता है। ऐसी स्थिति में यूरिया की सप्लाई बंद करानी पड़ी। – जसविंदर सिंह पप्पू, अध्यक्ष कंचनपुरी सोसायटी।
यूरिया के साथ मिलने वाली नैनो यूरिया फसल की ग्रोथ में कारगर नहीं हो रही है। किसान यूरिया के साथ दी जाने वाली नैनो यूरिया नहीं लेना चाहते है इसलिए यूरिया की आपूर्ति बंद कर दी गई है। – राम प्रसाद, सेवानिवृत्त समिति कर्मचारी, जादोपुर।

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