वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बुधवार, 12 नवंबर को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में बैंकों की दूसरी तिमाही (Q2) और छमाही वित्तीय रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। बैठक की अध्यक्षता वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू करेंगे, जबकि इसमें सभी प्रमुख सरकारी बैंकों के चेयरमैन और एमडी शामिल होंगे।
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक सिर्फ बैंकों के वित्तीय नतीजों तक सीमित नहीं रहेगी। इसमें सरकार की प्रमुख योजनाओं, जैसे प्रधान मंत्री जनधन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम की प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा होगी।
📊 तिमाही में 49,456 करोड़ का रिकॉर्ड मुनाफा
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए 49,456 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ दर्ज किया। यह बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 9 प्रतिशत अधिक है।
हालांकि दो बैंकों में मुनाफे में गिरावट रही, लेकिन बाकी 10 बैंकों के मजबूत प्रदर्शन ने समग्र ग्रोथ को ऊपर बनाए रखा।
🏦 एसबीआई बना शीर्ष परफॉर्मर
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एक बार फिर अपनी मजबूती साबित की। बैंक ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 20,160 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10% अधिक है।
दिलचस्प बात यह है कि एसबीआई अकेले ही सभी सरकारी बैंकों के कुल मुनाफे में 40% का योगदान दे रहा है।
📈 छोटे बैंकों का प्रदर्शन भी शानदार
चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने अपने लाभ में 58 प्रतिशत की छलांग दर्ज की और 1,226 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
वहीं, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,213 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
इसके विपरीत, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने क्रमशः 8% और 10% की गिरावट की रिपोर्ट दी है।
🗣️ निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि देश को “बड़े और अंतरराष्ट्रीय स्तर के बैंकों” की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और विभिन्न बैंकों के बीच चर्चा जारी है।
उन्होंने कहा, “सरकार मजबूत बैंकिंग ढांचा बनाने की दिशा में काम कर रही है। उद्देश्य यह है कि भारतीय बैंक वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी पहचान बना सकें।”
🔍 बैठक का फोकस क्या रहेगा
वित्त मंत्रालय की इस बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी —
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बैंकों के Q2 वित्तीय प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा
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एनपीए (Non-Performing Assets) की स्थिति और सुधार की योजना
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डिजिटल बैंकिंग व फिनटेक के एकीकरण पर प्रगति
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सरकारी योजनाओं की पहुंच और प्रभाव का मूल्यांकन
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क्रेडिट ग्रोथ और कृषि ऋण वितरण में सुधार के उपाय
बैठक से यह उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्रालय बैंकों को आगे की रणनीति और विकास के लिए नई दिशा प्रदान करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक आने वाले महीनों में भारतीय बैंकिंग सेक्टर की नीति निर्धारण के लिए अहम साबित हो सकती है।