देहरादून। दून अस्पताल से निकाले गए कर्मचारी रविवार को भी अस्पताल के बाहर तेज धूप में धरने पर बैठे रहे। उनका कहना था कि तीनों लहरों में वह कोरोना से लड़े, अब सिस्टम से जंग लड़नी पड़ रही है। नौ दिन हो गए हैं, उनकी कोई सुध नहीं लेने वाला। कॉलेज प्रबंधन ने तो उनसे सौतेला व्यवहार करना शुरू कर दिया है। कोरोना योद्धा के पोस्टर लिए कर्मचारियों ने कहा कि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि कैबिनेट में लाकर उनकी समस्या का समाधान करेंगे। नौ दिन से यहां बैठे हैं, कोई पूछने को तैयार नहीं है। सीवर की बदबू के बीच यहां बैठे हैं। जिससे दिक्कत हो रही है। कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तब तक वह धरने से नहीं उठेंगे।
कोई गर्भवती, किसी ने बच्चे घर छोड़े
धरने के दौरान कई गर्भवती कर्मचारी भी अपनी नौकरी की खातिर इसमें शामिल हो रही है। धूप में बैठने को वह मजबूर है। वहीं रेशमा, कविता, नाजरीन, मनीषा आदि कई महिला कर्मचारियों ने अपने छोटे बच्चों को घर पर छोड़ा है। उन्हें उम्मीद है कि उनका संघर्ष रंग लाएगा और सरकार उनके लिए कोई रास्ता निकालेगी।
12 बजे तक ही सैंपलिंग होगी
610 कर्मचारियों को निकाले जाने की वजह से अस्पताल में सबसे ज्यादा दिक्कत लैब में सैंपलिंग की हो रही है। यहां पर कर्मचारियों की कमी की वजह से अब 12 बजे तक ही सैंपलिंग का समय निर्धारित कर दिया गया है। जिससे बाकी मरीजों को निजी लैबों में जांच करानी पड़ रही है। अस्पताल में वार्डों, इमरजेंसी, पीआरओ कार्यालय, दवा काउंटर आदि में दिक्कत हो रही है।
पहले कोरोना से जंग, अब सिस्टम से लड़ रहे
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