काशीपुर। भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर का 9 वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया गया। समारोह में अंकुर तुलस्यान को एमबीए में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक दिया गया। इसी तरह नेहा सक्सेना को एमबीए कोहोर्ट में रजत पदक, वरुण भार्गव को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। एमबीए एनालिटिक्स में रोशन कुमार बिस्वाल और साक्षी पोद्दार को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। समारोह में प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि कोरोना काल में पूरे विश्व को आर्थिक नुकसान हुआ है। इस दौरान हमने सूझबूझ से फैसले लिए। उन्होंने आईआईएम से एमबीए की पढ़ाई पूरी निकले वाले डिग्रीधारकों से कहा कि वे लचीलेपन से उद्योग प्रबंधन और जीवन में आर्थिक चुनौतियों का सामना करें। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रबंध संस्थान के छात्र का भारत के विकास में अहम योगदान रहता है। संस्थान के छात्रों ने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों में औद्योगिक विकास, सामाजिक क्षेत्र एवं नवाचार के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। सान्याल ने कहा कि भारत जैसे विभिन्न विविधताओं वाले देश में आईआईएम के छात्र अपने ज्ञान एवं अनुसंधान के माध्यम से नए-नए सोपान गढ़ रहे हैं जिससे देश में आर्थिक संपन्नता और नई पेशेवर तकनीकी को अपनाने में मदद मिल रही है। इस दौरान दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट, दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन बिजनेस एनालिटिक्स, पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एग्जीक्यूटिव्स और डॉक्टरेट ऑफ प्रोग्राम इन मैनेजमेंट के 347 छात्र-छात्राओं को मानद उपाधि दी गई।
नई प्रणालियों से सीख ले विकास में अहम भूमिका अदा करेंगे विद्यार्थी: डॉ. संजीव
काशीपुर। आईआईएम काशीपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नंस के अध्यक्ष डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि भारतीय प्रबंध संस्थान के छात्र बेहद कठिन प्रशिक्षण, व्यापक अध्ययन एवं प्रबंधन की नई प्रणालियों से सीख लेकर भारत के विकास में अपनी भूमिका अदा करेंगे। सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से घोषित नई स्टार्टअप नीति से आईआईएम के छात्र देश में विविध स्टार्ट-अप को बढ़ावा दे रहे है जिससे कृषि, उद्योग, निवेश, ई-कॉमर्स और संस्थागत विकास जैसे समावेशी विकास से क्षेत्रों को व्यापक लाभ पहुंच रहा है। भारतीय प्रबंध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए आईआईएम के शोधकर्ताओं का बहुत योगदान है। प्रशिक्षण व अनुसंधान के साथ बेहतर रणनीति बनाकर आईआईएम भारत के समावेशी विकास में अपनी भूमिका अदा कर रहा है। खासतौर पर डेटा आधारित विश्लेषीकी प्रबंधन की मांग भारत सहित सारी दुनिया में बढ़ रही है जिसे आईआईएम के छात्र पूरा करते हैं। दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि पिछले माह आईआईएम काशीपुर में एमबीए एनालिटिक्स के पहले बैच को शुरू किया गया था जिसे देशभर में जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे संस्थान के पहले बैच में 95 छात्र शामिल हुए थे, जिसमें छात्रों को विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने का औसतन 9 साल का अनुभव है। उन्होंने कहा कि आईआईएम काशीपुर में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एनालिटिक्स) ईएमबीए और डॉक्टर ऑफ फिलॉस्फी जैसे उत्कृष्ट अकादमिक कोर्स का संचालन किया जा रहा है। देश में राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान विभिन्न पेशेवर पाठ्यक्रमों का संचालन करता है।
चीन से काफी ज्यादा होगा हमारा जीडीपी ग्रोथ रेट : सान्याल
काशीपुर। पत्रकार वार्ता के दौरान सान्याल ने कहा कि जीडीपी ग्रोथ रेट पर महंगाई का कुछ असर पड़ सकता है, लेकिन हाल ही में हमारा जीडीपी ग्रोथ रेट लगभग आठ आया है, जो दुनिया में बहुत ज्यादा होगा। कम से कम हमारी जीडीपी चीन से तो ज्यादा ही होगी। दो साल तक कोरोना के कारण जो त्रासदी हुई उससे काफी आर्थिक क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर पर सरकार का विशेष ध्यान है। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से दुनिया में तेल के दाम काफी बढ़ चुके हैं। दुनिया भर में महंगाई दर पर इसका असर पड़ रहा है। महंगाई दर पर सरकार भी ध्यान दे रही है। इसके तहत कुछ सप्ताह पहले ही रिजर्व बैंक ने अपने बेंचमार्क रेट को बढ़ाया है। महंगाई पर शुरुआत से ध्यान दिया जा रहा है। तेल का हम आयात ही करते हैं। पिछले नवंबर में हमने तेल का टैक्स घटाया था। इसका भी हमें दाम चुकाना पड़ा है। अगर हम टैक्स घटाते जाएंगे तो भी उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। चुनौतियों को हमें लचीलेपन से देखना पड़ेगा। दुनियाभर में महंगाई बढ़ रही है। जैसी महंगाई हमारे देश में दिखेगी, उसका निराकरण उसी हिसाब से किया जाएगा। आईआईएम बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन संदीप सिंह ने कहा कि कॉलेज में लड़कियों के संख्या लगातार बढ़ रही है, यह खुशी की बात है। सरकार की भी कोशिश रहती है कि मैनेजमेंट कोर्स में लड़कियां भागीदारी करें। दूसरी खुशी की बात यह है कि आईआईएम का एकुवेशन सेंटर फीड एग्रो पर आधारित टेक्नोलॉजी पर फोकस करता है ताकि राज्य का भी भला हो सके। सबके सहयोग से आईआईएम आने वाले वर्षों में और भी बेहतर कार्य करेगा।
पहली बार भारतीय परिधान में दिखे डिग्री धारक
अब तक हर दीक्षांत समारोह में डिग्री धारक ब्रिटिशकालीन परिधानों में नजर आते रहे हैं, लेकिन इस बार यह भारतीय परिधानों में दिखे। पिछले दीक्षांत समारोह में जहां विद्यार्थी ब्रिटिशकालीन गाउन में थे तो इस बार वह हिंदुस्तानी पायजामा, कुर्ता और कोटी में देखे गए। हिंदुस्तान परिधानों को लेकर मौके पर चर्चा होती रही।
लचीलेपन से करें उद्योग प्रबंधन और जीवन में आर्थिक चुनौतियों का सामना : सान्याल
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