नैनीताल। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के सहयोग से यहां कुमाऊं विवि के भू-विज्ञान विभाग में नॉलेज इनवायरमेंट इन रिसर्च एडवांसमेंट थ्रू नरचरिंग (किरन) विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला सोमवार को शुरू हुई। कार्यशाला में भू-विज्ञान के दस नामी विदेशी वैज्ञानिक देश की बीस युवा महिला भू -वैज्ञानिकों को भू-विज्ञान और उससे जुड़े अन्य विषयों की जानकारी देंगे।
विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग में विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. एबी मेलकानी की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला के विशिष्ठ अतिथि महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा व विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के वैज्ञानिक डा. उमेश कुमार थे। विभागाध्यक्ष प्रो. प्रदीप गोस्वामी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भू-विज्ञान विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी। प्रो. गोस्वामी ने कहा कि विभाग में उच्चकोटि के शोध कार्य चल रहे हैं। विभाग के छात्र उन सभी संस्थाओं में कार्यरत हैं जहां जहां भू-वैज्ञानिकों की नियुक्ति होती है। उन्होंने कहा कि विभाग में वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के लिए गुणवत्तायुक्त उपकरण भी स्थापित किए गए हैं।
डीएसटी के वैज्ञानिक डॉ. उमेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए युवा वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे अपने उच्चकोटि की शोध परियोजनाओं के प्रस्ताव मंत्रालय को भेजें ताकि इन परियोजनाओं के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जा सके। विशिष्ट अतिथि प्रो. नीता बोरा शर्मा ने प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र के कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दी। इस मौके पर कार्यशाला के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक मोएजो फ्रेंसुआ ने ने कहा कि कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को व्याख्यान के अलावा प्रयोगशाला और फील्ड में भी भू-विज्ञान से संबंधित जानकारियां दी जाएंगी। अंत में कार्यशाला के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. संतोष कुमार ने सभी का आभार जताया। शिक्षक दिवस के अवसर पर विदेशी विशेषज्ञों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
ये विदेशी विशेषज्ञ वैज्ञानिक ले रहे हिस्सा
प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञ वैज्ञानिकों के रूप में प्रो. हैमोये जां ट्रांसुआ (फ्रांस), प्रो. सेडेरिको फरीना (इटली), प्रो. रोसा ग्लोदा (अमेरिका), प्रो. जैनो सैक (चैक गणराज्य), प्रो. मैथ्यू मैयनी (दक्षिण अफ्रीका), प्रो. रोबर्टो इसाली व प्रो. सिल्वियो फैरेरो (इटली), प्रो. बाजिल पिकौफ, प्रो. माइकल जान सैडले व डॉ. सरा फ्रैसेस प्रिविनो (अमेरिका) हिस्सा ले रहे हैं।