हल्द्वानी। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवलचौड़ में गीता जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। संस्कृत और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कथावाचक बसंत बल्लभ त्रिपाठी, वैदिक विद्वान कथावाचक डॉ. मनोज पांडेय और संगीतकार प्रभाकर जोशी को ब्रह्म विद्या यति सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र देने के साथ ही अंग वस्त्र पहना कर सम्मानित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय में गीतासार, गीता महात्म्य का पाठ भी हुआ।
मुख्य अतिथि विधायक प्रतिनिधि विकास भगत ने विद्वानों को सम्मानित करते हुए कहा कि श्रीमद् भगवद्गीता कर्म योग, ज्ञान योग और संन्यास योग के साथ जीवन का वास्तविक लक्ष्य का ज्ञान भी कराती है। अध्यक्षता करते हुए प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन चंद्र वर्मा ने कहा कि गीता जीवन के वास्तविक कर्म का बोध कराती है। महाविद्यालय के प्राचार्य. डॉ नवीन चंद्र जोशी ने गीता के बारे विस्तार से जानकारी सामने रखते हुए लोगों से गीता का अध्ययन करने का आह्वान किया। उप प्रबंधक पान सिंह बिष्ट ने अतिथियों का स्वागत किया। इससे पूर्व डॉ. चंद्र बल्लभ बेलवाल के निर्देशन में गीता पाठ भी हुआ। संचालन डॉ. चंद्र बल्लभ बेलवाल ने किया। कार्यक्रम में डॉ. कृष्ण चंद्र जोशी, डॉ. केसी सनवाल, राकेश गुणवंत, कंचन डालाकोटी, दीपमाल, गौरव जोशी, अनुराग जोशी, कैलाश गुरुरानी समेत कई लोग मौजूद रहे। इधर महर्षि विद्या मंदिर काठगोदाम में भी गीता जयंती मनाई गई। शिक्षिकाओं और बच्चों ने गीतासार, गीता अमृत वाणी, गीता महात्म और गीता के प्रथम अध्याय का पाठ आनंदमय तरीके से गाया। प्रधानाचार्या कमला जोशी के अलावा शिक्षक, शिक्षिकाएं और विद्यार्थी मौजूद रहे।
गीता जयंती पर महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय देवलचौड़ में हुआ गीता का पाठ
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