कॉर्बेट नेशनल पार्क में कर्नाटक के बाद अब गुजरात से लाई गईं मादा हथिनियां सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगी। डॉक्टरों के परीक्षण में फिट पाई गईं दोनों हथिनियों से पार्क प्रशासन जल्द ही गश्त कराने जा रहा है। साल 2018 में कर्नाटक से नौ हाथियों को लाया गया था, जो अभी कॉर्बेट की सुरक्षा को गश्त करते हैं।1288 वर्ग किलोमीटर में फैले कॉर्बेट में ढाई सौ से अधिक बाघ हैं। पार्क में बाघों की बढ़ती संख्या के चलते उनकी सुरक्षा अधिकारियों के लिए चुनौती बनी हुई है। पार्क की सुरक्षा के लिए कैमरे, सर्विलांस और गश्त जैसे उपाय किए जाते हैं। इसमें हाथियों से गश्त महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब तक कर्नाटक से लाए गए हाथियों से पार्क प्रशासन गश्त करा रहा है। अब गुजरात से लाई गईं हथिनियां भी गश्त के लिए फिट पाई गई हैं। पार्क के वन्यजीव डॉक्टर दुष्यंत कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पास 17 पालतू हाथी हैं, जिनकी मदद से यूपी से सटे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त की जा रही है। डीएनए टेस्ट की तैयारी: कॉर्बेट के वन्यजीव डॉक्टर दुष्यंत ने बताया कि कॉर्बेट के पालतू हाथियों के अलावा गुजरात से लाई गई हथिनियों का भी डीएनए टेस्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में कॉर्बेट में जन्मी हथिनी की बच्ची खुशी का भी डीएनए कराया जाएगा। इससे हथिनी कहां की हैं, उसकी उम्र आदि का डाटा तैयार किया जाएगा।
रेस्क्यू सेंटर में चल रहा हथिनियों का प्रशिक्षण
कॉर्बेट के ढेला रेंज में बने रेस्क्यू सेंटर में दोनों हथिनियों के प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है। विगत माह इन्हें गुजरात से कॉर्बेट लाया गया था। जिसके बाद दोनों को महावतों के निर्देशों के पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्य पूरा होते ही दोनों को गश्त पर लगाया जाएगा।
गुजरात की हथिनियां करेंगी कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की सुरक्षा
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