देशभर में महंगाई चरम पर है। रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। दून के बाजारों में भी महंगाई की आग लगी हुई है। रसोई गैस से लेकर राशन और सब्जी के दाम आम आदमी को मुंह चिढ़ा रहे हैं। बीते दो वर्षों में मध्यम आय वर्ग की कमाई भले जस की तस हो, महंगाई ने उन्हें बेबस जरूर कर दिया है। खासकर गृहणियों के सामने घर चलाने की चुनौती खड़ी हो गई है। पहले सामान्य परिवार की रसोई का बजट सात हजार रुपये तक रहता था, आज वह नौ हजार रुपये के करीब पहुंच गया है। हर कोई इस कमरतोड़ महंगाई से राहत की आस लगाए बैठा है।
घर खर्च में और भी वस्तुएं शामिल
रसोई के अलावा घर में इस्तेमाल होने वाली अन्य वस्तुएं भी महंगी हुई हैं। साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, टायलेट क्लीनर से लेकर डिटर्जेंट पाउडर और झाड़ू तक आम आदमी का बजट बिगाड़ रहे हैं। रोजाना इस्तेमाल होने वाली इन वस्तुओं का कोई विकल्प नहीं है। इसके अलावा बिजली, पानी के बिल, फोन का रिचार्ज और केबल टीवी का खर्च भी मासिक बजट में जोड़ें तो यह 15 हजार रुपये से अधिक पहुंच जाता है। जोकि करीब दो वर्ष पूर्व 10 हजार तक सिमट जाता था।
रोजमर्रा की सभी चीजें महंगी हो गई हैं, जिनके बिना काम नहीं चल सकता। खर्च में थोड़ा-थोड़ा कमी करने की कोशिश रहती है, जिससे रसोई का बजट नियंत्रण में रहे। हालांकि, महंगाई से पूरे घर का बजट बिगड़ा है। -स्वाति रतूड़ी, डिफेंस कालोनी
महंगाई ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। नीबू 300 रुपये किलो तक पहुंच गया है। एक-डेढ़ साल पहले एक माह में किराना स्टोर से करीब 6000 रुपये का सामान आता था। धीरे-धीरे बजट बढ़ता गया और अब 8000 रुपये तक का सामान आ रहा है। – अनीता नवानी, विद्या विहार
महंगाई ने बजट को पूरी तरह बिगाड़ दिया है और परिवार की आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हुई है। घर का सामान तो खरीदना ही है, चाहे जितनी भी महंगाई हो। अब तो कोशिश रहती है कि खर्चों में जितनी संभव हो, उतनी कमी की जाए। अगर यूं ही महंगाई बढ़ती गई तो घर चलाना मुश्किल ही हो जाएगा। – सुनीता देवी, विजय पार्क
हमारे परिवार में चार सदस्य हैं। बढ़ती महंगाई के बीच घर का खर्च चलाना चुनौती बन गया है। घर की रसोई का पूरा खर्च पहले की तुलना में दो हजार रुपये तक बढ़ गया है। जबकि, आय के स्रोत सीमित हैं। फल-सब्जियों के दाम भी आसमान पर हैं। बच्चों के खान-पान में फल, दूध, अंडा शामिल करना आम आदमी के लिए मुश्किल होता जा रहा है। – बबीता देवी, जीएमएस रोड
इस तरह बचत कर रहीं गृहणियां
- टिफिन में बच्चों को अलग-अलग व्यंजन की जगह सादा भोजन दे रही हैं।
- मक्खन, पनीर आदि महंगी सब्जियों की खरीद की कम ।
- महीने में चार की जगह एक बार ही रेस्टोरेंट में खाना
- बाहर घूमने का कार्यक्रम निरस्त।
- अन्य सामान के उपयोग में भी कटौती।