उत्तराखंड की बेटी के साथ छावला में हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद उसे न्याय मिले, इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आवाज उठाई है। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से इस संबंध में पहल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने के लिए देश के नामचीन अधिवक्ताओं से राय मशवरा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ही न्याय इस लड़ाई को आगे ले जा सकती है।
अपने फेसबुक पेज पर सीएम धामी को टैग करते हुए हरीश ने भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बेटी के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी हुई। उसके साथ दुष्कर्म के बाद उसकी आंखों में तेजाब डाला गया। उसके अंगों में कांच भर दिया गया। इसके बाद वह तड़प-तड़प कर मर गई। आखिर उसके हत्यारे कौन हैं, आज यह बड़ा प्रश्न बन गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तमाम सामाजिक संगठनों और मूर्धन्य नेताओं ने न्याय की आवाज बुलंद की है। लोग इस लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं, लेकिन बिना सरकार की मदद के वह बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को बरी कर दिया। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में तीन सदस्यीय बेंच ने यह निर्णय दिया है। इसलिए यदि हमें रिव्यू पिटिशन में जाना है तो इसके लिए देश के नामचीन चार से पांच वकीलों से बात करनी पड़ेगी। इस मामले में अब राज्य सरकार ही कुछ कर सकती है। उन्होंने सीएम धामी से आग्रह किया कि वह इस दायित्व को अपने ऊपर लें और इस लड़ाई को अंतिम मुकाम तक ले जाने के लिए आगे आएं।
हरीश रावत ने कहा- उत्तराखंड की बेटी को न्याय दिलाने के लिए आगे आए सरकार
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