हरियाणा सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत पात्र बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क दाखिला दिलाने के लिए कमर कस ली है। अनुसूचित जाति, जनजाति, नि:शक्त बच्चों और 1.80 लाख से कम आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए प्रदेश के निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में पहली कक्षा एवं इससे पूर्व की कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटें होंगी। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुभाग 12 (1) (सी) के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित करने के दृष्टिगत लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस निर्णय को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। शिक्षामंत्री ने कहा कि निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को सीटों की उपलब्धता की जानकारी 15 अप्रैल तक अपने स्कूल की वेबसाइट पर डालनी अनिवार्य होगी। इसके अलावा, स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी प्रदर्शित करनी होगी। ऐसी आरक्षित सीटों की सूची निजी स्कूलों को अपने-अपने जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को भी भेजनी होगी। स्कूलों को यह जानकारी एमआईएस पोर्टल haryanahryedumis.gov.in पर देनी होगी, जिसका अवलोकन विभाग की वेबसाइट http://harprathmik.gov.in पर भी लिंक द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
16 अप्रैल से कर सकेंगे आवेदन
शिक्षामंत्री ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों द्वारा निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में आवेदन करने की तिथि 16 से 25 अप्रैल होगी। लॉटरी ड्रॉ 29 अप्रैल को होगा। बच्चों के दाखिले की अंतिम तिथि 5 मई और बच्चों द्वारा दाखिला न लेने पर आरक्षित रिक्त सीटों पर प्रतीक्षा सूची से बच्चों को दाखिला देने की तिथि 10 मई से 14 मई तक है।
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: निजी स्कूलों में नर्सरी और पहली कक्षा तक की 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए होंगी आरक्षित
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