Tuesday, November 26, 2024
Homeउत्तराखण्डयहां हनुमान और गोरखनाथ में हुआ था भीषण युद्ध, प्रसन्न होकर बजरंग...

यहां हनुमान और गोरखनाथ में हुआ था भीषण युद्ध, प्रसन्न होकर बजरंग बली ने यहां रहने का दिया था वरदान

जनपद पौड़ी के कोटद्वार नगर क्षेत्र में स्थित है श्री सिद्धबली धाम। मान्यता है कि इस स्थान पर गुरु गोरखनाथ व हनुमान में भीषण युद्ध हुआ। अनिर्णीत रहे इस युद्ध के बाद गुरु गोरखनाथ की इच्छा पर हनुमान जी सिद्धबाबा के रूप में इस स्थान पर प्रतिष्ठित हुए।गंगाद्वार (हरिद्वार) के उत्तर पूर्व इशान कोण के कौमुद तीर्थ के किनारे कौमुद्री नाम की दरिद्रता हरने वाली नदी निकलती है। जिस प्रकार गंगाद्वार माया क्षेत्र हरिद्वार व कुब्जाम्र ऋषिकेश के नाम से प्रचलित हुए। उसी प्रकार कौमुद्री वर्तमान में खोह नदी के नाम से जानी जाने लगी। इस पौराणिक खोह नदी के तट पर सिद्धों का डांडा में कोटद्वार नगर से करीब ढाई किमी दूर नजीबाबाद बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा है पवित्र सिद्धबली धाम। कोटद्वार, बिजनौर, मेरठ, दिल्ली और मुंबई व अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर मनोकामनाएं मांगते हैं। श्रद्धालुओं की मंदिर के प्रति आस्था का ही परिणाम है कि मंदिर में भंडारे के लिए वर्ष 2032 तक की एडवांस बुकिंग हो रखी है। जनवरी, फरवरी, अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर में सामान्यत: प्रतिदिन भंडारे का आयोजन होता है। मंगलवार, शनिवार व रविवार को भंडारे का आयोजन पूरे वर्ष होता है। भारतीय डाक विभाग की ओर से वर्ष 2008 में मंदिर के नाम डाक टिकट भी जारी किया गया। कलयुग में शिव का अवतार माने जाने वाले गुरु गोरखनाथ को इसी स्थान पर सिद्धि प्राप्त हुई थी। जिस कारण उन्हें सिद्धबाबा कहा जाता है।
गोरख पुराण के अनुसार, गुरु गोरखनाथ के गुरु मछेंद्र नाथ पवनसुत बजरंग बली की आज्ञा से त्रिया राज्य की शासिका रानी मैनाकनी के साथ गृहस्थ आश्रम का सुख भोग रहे थे। जब गुरु गोरखनाथ को इस बात का पता चला तो वे अपने गुरु को त्रिया राज्य के मुक्त कराने को चल पड़े।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments