हल्द्वानी। पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हीरानगर में उत्तरायणी पर्व के घुघुतिया की धूम मची है। चौथे दिन भारी ठंड के बावजूद लोगों में मेले को लेकर उत्साह दिखाई दिया। खासकर महिला उद्यमियों के स्टॉल और व्यंजन स्टॉलों में लोगों की भीड़ रही और जमकर खरीदारी की। परिसर में दिन के समय बच्चों की कई प्रतियोगिताएं हुई वहीं शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने गायकी से रंग जमाया। देर शाम तक लोग कार्यक्रम स्थल पर जमे रहे।
स्टार नाइट कलाकारों में सुप्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय ने हाय ककड़ी झिलमा, लूण पीसो सिल मां और क्रीम पाउडर घिसने किलै ने गाकर महफिल में रंग जमा दिया। इस दौरान मौजूद लोग भी नाचने लगे। गायक राकेश पनेरू ने जै हो भगवती मैया जय हो भवानी मैया गाकर समा बांधा। इससे पूर्व शाम को मुख्य अतिथि अध्यक्ष जोहार समिति के भूपेंद्र सिंह पांगती, जगत सिंह डोबाल, देवेंद्र धर्मसत्तू, रश्मि लमगड़िया रहे। संचालन महासचिव मुकेश चंद शर्मा ने किया। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर तिवारी, डॉ. अनिल डब्बू, हुकुम सिंह कुंवर, वीरेंद्र गुप्ता, हेमंत सिंह बगड़वाल, भुवन जोशी, एनबी गुणवंत, बीडी पाठक, देवेंद्र तोलिया, त्रिलोक बनोली, चंद्र शेखर परगाई ,शोभा बिष्ट, नीमा भट्ट, कमल जोशी, रत्ना श्रीवास्तव, मधु सांगुड़ी, पुष्पा संबल, कल्पना भंडारी, तरुण नेगी, स्मित तिवारी, योगेश अधिकारी, ललित बिष्ट, भगवान चुफाल, गोपाल बिष्ट, विपिन बिष्ट, कैलाश जोशी, पूरन भंडारी समेत कई लोग मौजूद रहे।
चित्रकला में दिव्यांशी, हिमानी, मुद्रिका अव्वल रहीं
चित्रकला प्रतियोगिता के शिशु वर्ग में दिव्यांशी रौतेला, प्रज्ञा खोलिया, मनीष भट्ट व मानवी शर्मा, बाल वर्ग में हिमानी पाठक, नवल कांडपाल, निमिषा जोशी व आरजू कोहली, युवा वर्ग में मुद्रिका गुरुरानी, कृष, नैना सभरवाल व माया बोहरा, कुमाउनी कविता पाठ में कल्पना बिष्ट, उदय जोशी, भूमिका जोशी व धैर्य जोशी क्रमश: पहले चार स्थानों पर रहे। वॉलीबाल में यूनिवर्सल स्कूल विजेता और उपविजेता टीम सरस्वती एकेडमी रही।
गर्म कपड़ों की खरीददारी जमकर हुई
बुधवार को मेला परिसर में अधिकतर लोगों ने महिला उद्यमियों के हाथों के बने उत्पादों की खरीदारी की। गर्म स्वेटर, पैजामा, कपड़े के बैग, टोपी, मोजे की खूब ब्रिकी रही। गिरजा बुटीक की संचालिका गीता सत्यवली ने बताया कि महिला समूहों की ओर से हाथ के बने स्वेटर दो सौ से बाहर सौ रुपये तक उपलब्ध हैं। बैग 45 से 550, टोपी 80 से 300 रुपये में बिक रहे हैं।
हाय ककड़ी झिलमा, लूण पीसो सिल मां
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