नैनीताल। हाईकोर्ट शिफ्टिंग के विरोध में वकीलों समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने मंगलवार को जुलूस निकाला। उनका कहना था कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग सहित अधीनस्थ न्यायालयों, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा समेत अन्य विभागों के दफ्तरों और निदेशालयों को पहाड़ से मैदान की ओर ले जाना राज्य की बुनियाद हिलाने की कोशिश है। यह पहल राज्य की अवधारणाओं के विपरीत है। यदि अविभाजित उत्तर प्रदेश की परिपाटी में ही उत्तराखंड में भी शासन चलाना था तो पृथक पर्वतीय राज्य की मांग ही की क्यों की गई। प्रदेश के समन्वित विकास और पलायन की रोकथाम के लिए सुविधाओं की ओर भागने की बजाय सुविधाओं को पहाड़ पर लाना होगा।
तय कार्यक्रम के मुताबिक लोग मल्लीताल रामसेवक सभा में एकत्र हुए जिसके बाद पोस्टर, बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए मल्लीताल बाजार, पंत पार्क, अपर मालरोड होते हुए तल्लीताल गांधी मूर्ति के समक्ष पहुंचे। जुलूस में हाईकोर्ट के अधिवक्ता, व्यापारी, पालिकाध्यक्ष और पालिका सदस्य, जिला बार सदस्य, वीमेंस कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनैतिक दलों और संस्थाओं के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। गांधी चौक पर हुई सभा में वक्ताओं ने पहाड़ के लोगों की मंशा का हवाला देते हुए हाईकोर्ट को पहाड़ यानी नैनीताल में ही रहने और राजधानी समेत अन्य संस्थानों व सुविधाओं को भी पहाड़ ले जाने की बात कही। पूर्व सांसद व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा.महेंद्र सिंह पाल ने कहा कि हाईकोर्ट, अधीनस्थ न्यायालय व कार्यालयों को पहाड़ से मैदान की ओर ले जाना राज्य की अवधारणा के खिलाफ है। यह सरकार की पहाड़ विरोधी मानसिकता का प्रमाण और पर्वतीय प्रदेश की बुनियाद को हिलाने का प्रयास है जिसे प्रदेश की जनता स्वीकार नहीं करेगी।
हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष सैयद नदीम मून ने कहा कि राज्य में केवल हाईकोर्ट ही स्थायी है, लेकिन अब उसे भी हटाने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि प्रदेशवासी राजधानी के भी पहाड़ यानी गैरसैंण में होने के पक्षधर हैं। जुलूस संयोजक व अधिवक्ता नितिन कार्की ने कहा कि हाईकोर्ट शिफ्टिंग के विरोध में हाईकोर्ट में बैठकों के बाद अब यह संघर्ष सीधे जनता से जुड़ गया है। अधिवक्ता डीके जोशी ने हाईकोर्ट हटाने के बजाय नैनीताल में स्वास्थ्य, पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं को विकसित करने की मांग की। तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति साह ने कहा कि पहाड़ से सुविधाओं को मैदान ले जाने से पहाड़वासियों की भावनाएं आहत हुई हैं जिसकी परिणति भविष्य के बड़े आंदोलन के रूप में होगी। अरबों रुपये खर्च होने के बाद अब नई जगह बड़ी धनराशि खर्च करना व्यवस्था पर सवालिया निशान हैं।
अब जेल भरो आंदोलन की तैयारी
नैनीताल। पूर्व सांसद डा. महेंद्र सिंह पाल ने कहा कि यदि हाईकोर्ट को शिफ्ट करने के प्रयास हुए तो इसके विरोध में उत्तराखंड राज्य आंदोलन की तर्ज पर ही एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिसके तहत धरना प्रदर्शन के साथ साथ जेल भरो आंदोलन भी चलाया जाएगा।
-ये रहे शामिल-
प्रदर्शनकारियों में र्पू्व दर्जा राज्यमंत्री डा.रमेश पांडे, पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, अनुपम कबडवाल, रमन साह, योगेश पचौलिया, मुुकेश जोशी, गिरीश मक्खन, राजेंद्र परगाई, पप्पन जोशी, चंदन जोशी, नवीन पंत, मुन्नी तिवारी, भावना भट्ट, सभासद सपना बिष्ट, सभासद मनोज जगाती, निरंजन साह, बबलू कांडपाल, संजय कुमार संजू, भरत भट्ट, प्रवीण उप्रेती, प्रदीप पांडे, जेके लखेडा, दिनेश कर्नाटक, सुरेंद्र मेहरा, किशन रौतेला, विजयतड़ागी, सुनील मेहरा, किरन आर्या आदि रहे।
हाईकोर्ट का पहाड़ से मैदान जाना राज्य की बुनियाद हिलाने की कोशिश
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