पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में बिजली की खपत भी बढ़ने लगी है। बीते एक सप्ताह के भीतर ही प्रदेश में 40 से 50 लाख यूनिट बिजली की खपत बढ़ गई है। उपलब्धता कम होने के चलते ऊर्जा निगम ने ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती भी बढ़ा दी है। हालांकि, आने वाले दिनों में नदियों का जल प्रवाह बढ़ने से जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। जिससे मांग और उपलब्धता के अंतर को कम किया जा सकेगा।
करीब 40-50 लाख यूनिट प्रतिदिन की बढ़ोतरी दर्ज
उत्तराखंड में शीतकाल में गिरा विद्युत उत्पादन अब तापमान बढऩे के साथ बढऩे लगा है। साथ ही खपत में और तेजी से बढ़ोतरी होने से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। महज एक सप्ताह में विद्युत मांग में करीब 40-50 लाख यूनिट प्रतिदिन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उत्तराखंड में विद्युत उत्पादन मुख्य रूप से जल विद्युत परियोजनाओं पर निर्भर है। यहां उत्तराखंड जल विद्युत निगम की 17, निजी कंपनियों की 17 और केंद्र सरकार की चार परियोजनाओं से उत्पादन किया जा रहा है। दून में भी कई क्षेत्रों में अर्थ आवर मनाया गया। इस दौरान दूनवासियों ने एक घंटे तक ज्यादातर विद्युत उपकरण बंद रख पर्यावरण संरक्षण की चिंता दर्शाई। ऊर्जा निगम ने भी जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ रही चिंता के मद्देनजर उपभोक्ताओं से ऊर्जा संरक्षण की अपील की। 26 मार्च की रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक अपने गैरजरूरी उपकरण बंद रखे। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने भी अपील की कि पृथ्वी की सुरक्षा के लिए बिजली का उपयोग समझदारी से करने का संकल्प लें।
उत्तराखंड में पड़ रही भीषण गर्मी, सप्ताहभर में 40-50 लाख यूनिट बढ़ी बिजली की मांग
RELATED ARTICLES