उत्तराखंड का वन महकमा क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) के लिए पहली बार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। इसके तहत क्यूआरटी में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए नियम कायदे तय किए जाएंगे। इसके साथ ही वन्यजीवों की ओर से फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए क्यूआरटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन अभी तक इसकी कोई एसओपी जारी नहीं की गई है। टीम में शामिल कर्मचारियों के लिए नियम-कायदे भी नहीं बने हैं। टीम को क्या-क्या सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे, टीम में सदस्यों की संख्या कितनी होगी, उनका कार्यक्षेत्र कितना होगा जैसे तमाम बिंदुओं को शामिल कर एसओपी जारी की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें नियमित ट्रेनिंग दिए जाने का भी प्रस्ताव है।
स्थानीय स्तर पर तैयार होंगी पीआरटी टीमें
मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए स्थानीय समुदाय के सहयोग से ग्राम स्तरीय प्राइमरी रिस्पांस टीम (पीआरटी) के गठन की कवायद भी वन विभाग की ओर से की जा रही है। इस कार्य के लिए कैंपा मद में धन उपलब्ध कराए जाने की संस्तुति पूर्व में की गई थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ.समीर सिन्हा ने कहा कि धनराशि अवमुक्त किए जाने को लेकर शासन से पत्राचार किया जा रहा है। विभाग की ओर से राज्य स्तर पर क्यूआरटी के लिए मानक तैयार किए जा रहे हैं। शीघ्र ही इन्हें पूरा कर प्रस्ताव शासन को सौंपा जाएगा। बीते वर्ष दिसंबर में हुई उत्तराखंड राज्य वन्यजीव की बोर्ड बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्यूआरटी के लिए एसओपी बनाने के निर्देश दिए थे। – डॉ.समीर सिन्हा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक
मानव-वन्यजीव संघर्ष: क्विक रिस्पांस टीम के लिए वन विभाग जारी करेगा SOP, तय होंगे नियम कायदे
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