कोरोना के मामलों में कमी आने के साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने कई प्रकार की बाध्यता खत्म कर दी हैं। अब ऐसा कोई भी विद्यार्थी, जिसने कोरोना टीकाकरण की दोनों डोज लगा ली हैं और उसे 15 दिन का समय हो गया है तो वह कैंपस में आ सकता है। वहीं जो शिक्षक कक्षाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाना चाहते हैं तो उनको भी इसकी अनुमति रहेगी। पहले की तरह प्रयोगशालाएं भी 24 घंटे के लिए खोल दी गई हैं। संस्थान में पिछले दो साल से आनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। हालांकि, संस्थान ने पिछले साल से ही छात्रों को निर्धारित नियमों का पालन करते हुए कैंपस में आने की अनुमति दे दी थी, लेकिन अब कैंपस में आने के लिए दोनों डोज लगाने की ही बाध्यता रखी गई है।
आइआइटी रुड़की के 49 छात्र हुए थे कोरोना संक्रमित
कोरोना महामारी की तीसरी लहर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के 49 छात्र कोरोना संक्रमित हुए। वहीं संस्थान के कुछ फैकल्टी और स्टाफ की भी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। ऐसे में संस्थान में सतर्कता बढ़ा दी गई थी।
शिक्षण की डिजिटल तकनीकी से रूबरू हुए शिक्षक
डोईवाला में एसआरएफ फाउंडेशन के क्षेत्रीय कार्यालय डोईवाला देहरादून में इंडिगो स्कूल एडाप्शन प्रोग्राम के तहत 11 विद्यालयों के 42 शिक्षकों को शिक्षण की डिजिटल तकनीकी से रूबरू कराया। डोईवाला ब्लाक के 11 विद्यालयों के 42 शिक्षक- शिक्षिकाओं के लिए इंडिगो गेट स्मार्ट बस में डिजिटल माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पहले दिन मंगलवार को सभी शिक्षकों को कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर विकास कुमार, कम्युनिटी मोबीलाइजर निर्मल सिंह ने कंप्यूटर शिक्षा के अंतर्गत एमएस वर्ड, एमएस एक्सल जीमेल, गूगल के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही गूगल एप, जूम एप, माइक्रोसाफ्ट टीम एप लिंक बनाना, स्क्रीन शेयर करना आदि सिखाया गया। कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा ने वर्तमान समय में डिजिटल शिक्षा की उपयोगिता और डिजिटल माध्यम से शिक्षा को रुचिकर बनाने पर जोर दिया।
IIT Roorkee: आइआइटी रुड़की में दोनों टीके लगाने वाले विद्यार्थी आ सकेंगे कैंपस में
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