देहरादून।
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में शनिवार को 157वीं पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर कठोर और अनुशासित प्रशिक्षण पूरा करने वाले 525 अधिकारी कैडेट्स को भारतीय सेना में कमीशन प्रदान किया गया। परेड के दौरान सैन्य अनुशासन, गौरवशाली परंपराओं और देशभक्ति की भावना ने माहौल को विशेष बना दिया।
परेड की समीक्षा थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने की। उन्होंने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले सभी कैडेट्स को बधाई देते हुए कहा कि सेना में कमीशन मिलना सम्मान के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने नव-नियुक्त अधिकारियों से भारतीय सेना की मूल परंपराओं का पालन करते हुए निष्ठा, साहस और समर्पण के साथ राष्ट्र सेवा करने का आह्वान किया।
157वीं पासिंग आउट परेड के दौरान युवा अफसरों के चेहरों पर आत्मविश्वास और आंखों में देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा साफ दिखाई दिया। किसी ने पारिवारिक सैन्य विरासत को आगे बढ़ाया तो किसी ने कठिन परिश्रम और अनुशासन के बल पर यह मुकाम हासिल किया। सरहदों की सुरक्षा के लिए इन जांबाजों ने देश की रक्षा की शपथ ली।
कैडेट्स को संबोधित करते हुए थल सेना प्रमुख ने कहा कि सैन्य सेवा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि ऐसा दायित्व है, जो सर्वोच्च बलिदान की भावना मांगता है। उन्होंने कहा कि अकादमी से बाहर निकलने के बाद अधिकारियों के हर निर्णय का प्रभाव केवल उन पर ही नहीं, बल्कि उनके अधीन सैनिकों और पूरे समाज पर पड़ता है। एक अधिकारी का आचरण, अनुशासन और नेतृत्व लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बनता है।
उन्होंने यह भी कहा कि समाज और देश नव-नियुक्त अधिकारियों को एक आदर्श के रूप में देखता है, इसलिए उनके हर कार्य में कर्तव्य, मूल्य और राष्ट्र के प्रति निष्ठा स्पष्ट रूप से झलकनी चाहिए। सेवा, समर्पण और नेतृत्व के मूल्यों को जीवन भर आत्मसात करने का उन्होंने आह्वान किया।
इस समारोह में 157वें रेगुलर कोर्स, 46वें टेक्निकल एंट्री स्कीम, 140वें टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स, 55वें स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स और टेरिटोरियल आर्मी ऑनलाइन एंट्रेंस एग्ज़ाम 2023 कोर्स के कुल 525 अधिकारी कैडेट्स को कमीशन प्रदान किया गया। इसके साथ ही 14 मित्र देशों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेट्स ने भी प्रशिक्षण पूर्ण कर अकादमी से पास आउट होकर भारत की सैन्य प्रशिक्षण परंपरा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
परेड समारोह में कैडेट्स के अभिभावक, परिजन, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के साथ हुआ, जिसने इस गौरवपूर्ण क्षण को भावुक और यादगार बना दिया।
प्रमुख सम्मान एवं पुरस्कार:
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और स्वर्ण पदक एसीए निश्कल द्विवेदी को प्रदान किया गया। रजत पदक बीयूओ बादल यादव और कांस्य पदक एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला। टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम-46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया। स्पेशल कमीशंड ऑफिसर्स कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री को मिला। विदेशी कैडेट्स में मेरिट में प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफीन अशरफ को दिया गया। ऑटम टर्म 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर से सम्मानित किया गया।
157वें कोर्स के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि वह भारतीय सेना को सक्षम, अनुशासित और राष्ट्रसेवा के लिए प्रतिबद्ध नेतृत्व प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।