काशीपुर। पंजाब की नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी असीम अहमद ने पैरोल के लिए कोर्ट को गुमराह किया है। उसने अपनी बहन की शादी के लिए कोर्ट से पैरोल मांगी थी। उसकी पांच दिन की पैरोल स्वीकृत हुई थी। पंजाब पुलिस उसे लेकर बाजपुर पहुंची तो बहन की शादी होने की बात झूठी निकली। इस पर पुलिस उसे अपने साथ वापस ले गई।
बाजपुर के ग्राम धंसारा निवासी असीम अहमद पुत्र शकील को वर्ष 2016 में लूट और फायरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे पंजाब की नाभा जेल में रखा गया था। इसी जेल में बाबा राम रहीम पर हमले का आरोपी खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (केएलएफ) का प्रमुख हरमिंदर सिंह मिंटू समेत कई कुख्यात अपराधी बंद थे। 28 नवंबर 2016 को चार गाड़ियों से आए हथियारबंद लोगों ने जेल पर हमला बोल दिया। हमलावर केएलएफ प्रमुख हरमिंदर समेत छह आरोपियों को जेल से निकाल ले गए। इस मामले में पुलिस ने 26 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। जेल ब्रेक कांड में बाजपुर के ग्राम धनसारा का असीम भी शामिल है। सभी आरोपी नाभा जेल में बंद हैं। जेल में बंद असीम ने न्यायिक हिरासत से भागने के लिए साजिश रची। उसने बाजपुर में अपनी बहन की शादी होने की बात कहकर कोर्ट में पैरोल के लिए आवेदन किया था। कोर्ट ने उसकी पांच दिन की पैरोल स्वीकृत की थी। रविवार को पंजाब पुलिस केे एक डीएसपी, दो इंस्पेक्टर, तीन एसआई समेत 22 पुलिसकर्मियों का दस्ता उसे लेकर बाजपुर पहुंचा। पंजाब पुलिस अभियुक्त को लेकर बाजपुर कोतवाली पहुंची। वहां से आरोपी को उसके गांव धंसारा ले जाया गया। वहां पता लगा कि उसकी बहन की शादी का कोई कार्यक्रम नहीं है। इस पर पंजाब पुलिस उसे वापस ले गई। एसपी चंद्रमोहन ने बताया कि असीम ने पैरोल के लिए कोर्ट को गुमराह किया है। कुख्यात अपराधी होने के चलते उसके साथ पंजाब पुलिस की पूरी टीम आई थी।
नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी असीम ने पैरोल के लिए कोर्ट को किया गुमराह
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