इंडियन प्रीमियर लीग में शानदार अर्द्धशतक जमाकर अखबारों की सुर्खियां बने आयुष बडोनी बचपन में बैट के साथ ही सोते थे और उनकी दादी उनकी पहली गेंदबाज थीं। आइपीएल में आयुष के शानदार प्रदर्शन पर गांव सिलोड़ी और आसपास के क्षेत्रों में ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर जश्न मनाया। आयुष सात साल की उम्र से दिल्ली के सानेट क्लब में तारक सिन्हा और देवेंद्र शर्मा से क्रिकेट की कोचिंग लेनी शुरू की थी। बचपन में आयुष हर वक्त बैट को अपने पास रखता था और बैट को लेकर ही सोता था। घर के अंदर ही उसकी दादी शकुंतला देवी उसे गेंद डालती थी। इसके बाद क्रिकेट में रुझान देख उन्होंने उसे कोचिंग दिलाई। विवेक बडोनी ने बताया कि आयुष की स्कूलिंग दिल्ली के माडर्न स्कूल से हुई और वहां पर स्कूल प्रबंधन ने उसे खेल के दौरान काफी सपोर्ट किया। विवेक बडोनी ने बताया कि सुबह उन्होंने आयुष को फोन किया तो वह अर्द्धशतक बनाने के बाद खुश था, लेकिन टीम जीत नहीं पाई, इसलिए दुखी भी था। लेकिन उसे उम्मीद है कि वह आगे भी आइपीएल में अपनी टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करेगा।
बचपन में बैट के साथ सोता था उत्तराखंड का बेबी डिविलियर्स, अब बना आइपीएल स्टार
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