Thursday, November 7, 2024
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देहरादून में चार चांद लगा रही है दून में होने वाली रामलीला

दून में विभिन्न संगठनों की ओर से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। जिसके तहत शुक्रवार को संकल्प नशा मुक्त देवभूमि ट्रस्ट के रामलीला कार्यक्रम में श्रीराम के वनवास जाने और इस दुख में राजा दशरथ के प्राण त्यागने का मंचन किया गया। यह दृश्य देख दर्शक भी भावुक हो गए। प्राचीन शिव मंदिर, माजरी माफी नवादा में आयोजित रामलीला मंचन के पांचवे दिन प्रभु राम वनवास को प्रस्थान करते है और राजा दशरथ प्राण त्याग देते हैं। वनवास जाते समय प्रभु राम सरयू नदी को पार करने के लिए केवट की नाव में विराजमान होते हैं। यह देख केवट भावविभोर होकर कहता है कि आपके चरण मेरी नाव पर पड़े, आपने मेरा जीवन धन्य कर दिया है। जिस पर प्रभु राम केवट को अपनी स्वर्ण मुद्रिका देते हैं। इसके बाद चित्रकूट में श्रीराम और भरत के मिलाप का मंचन किया गया। यहां भरत प्रभु राम से विलाप करते हुए वापस चलने की विनती करते हैं। लेकिन श्रीराम भरत को समझाकर अयोध्या का राजपाठ संभालने की आज्ञा देते हैं। भरत श्रीराम की खड़ाऊ सिर पर रखकर अयोध्या लौट आते हैं और बिना राज गद्दी पर बैठे ही राजकाज संभालते हैं। संकल्प नशा मुक्त देवभूमि ट्रस्ट पहली बार रामलीला का मंचन कर रहा है। वहीं, माजरी में 38 साल बाद रामलीला का मंचन किया जा रहा है।
54 सालों से रामलीला मंचन कर रही आदर्श रामलीला कमेटी
आदर्श रामलीला कमेटी की ओर से पांचवे दिन रामलीला मंचन में अशोक वाटिका और रावण-सीता संवाद दिखाया गया। मंचन के दौरान हनुमान जी अशोक वाटिका पहुंचते हैं और उसे तहस-नहस कर देते हैं। इसके बाद मेघनाथ हनुमान जी को बंदी बनाकर रावण के दरबार में ले जाता है। इसके बाद लंका दहन का मंचन किया गया। यह रामलीला कार्यक्रम आधुनिक लाइट और साउंड के साथ दस मंचों के जरिये किया जा रहा है। कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए इस वर्ष कुछ नए दृश्यों को जोड़ा गया है। साथ ही महिला पात्रों का अभिनय महिलाएं ही कर रही हैं। इस दौरान राम का किरदार अर्जुन सोनकर और लक्ष्मण के किरदार में प्रियांशु शर्मा, सीता के किरदार में गरिमा टम्टा और हनुमान जी का पात्र करते हुए शशी गुसाईं नजर आएंगे।
श्रीराम की बारात शोभायात्रा निकाली
श्रीराम बारात की शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई राजा जनक के महल पहुंची। इसके बाद दर्शकों को दिखाया गया कि राजा जनक ने आदर सत्कार के साथ बारात का स्वागत किया। इसके बाद विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न हुआ। इस दौरान नृत्य गीतों के साथ स्वादिष्ट भोजन और मिष्ठान भी परोसे गए। मंचन के दौरान राजा दशरथ ने श्रीराम के राज्य अभिषेक की घोषणा की। इसके बाद कैकेयी को दासी मंथरा भड़काती है। कैकेयी-दशरथ संवाद ने दर्शकों की खुशी को क्षणभर में उदासी में बदल दिया। इस मौके पर राकेश, महेंद्र, सोम प्रकाश शर्मा, मनमोहन, तरुण शर्मा मौजूद रहे।

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