Tuesday, December 10, 2024
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एंटी रैगिंग कमेटी के सामने छात्रों ने बताया- डैंड्रफ और बीमारी के कारण कटवा दिए बाल

मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस (प्रथम वर्ष) के छात्रों के बाल काटे जाने के प्रकरण में सोमवार को अनुशासन समिति और एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई। इसमें प्रथम वर्ष के छात्रों को भी बुलाया गया। छात्रों ने बाल कटवाने (करीब गंजा होना जैसा) के पीछे ड्रैंडफ और त्वचा संबंधी बीमारी का हवाला दिया। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के कई छात्रों के बाल कटे थे एक ही समय पर कई छात्रों के बाल कटने की बात सामने आने पर रैगिंग को लेकर चर्चा तेज हो गई थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया। सोमवार को मेडिकल कॉलेज के अनुशासन समिति की बैठक प्राचार्य की अध्यक्षता में रखी गई। इसमें छात्रों से बाल कटवाने के पीछे के कारणों को पूछा गय? तो उन्होंने बाल कटवाने के पीछे डैंड्रफ, त्वचा संबंधी बीमारी, एलर्जी से लेकर कुछ ने पानी तक खराब होने की बात कही थी।
कमेटी ने पूछे सवाल; छात्रों ने दबाव न होने की कही बात
कुछ ने पहले से ही बाल कटवाकर आने की बात कही। कालेज प्रबंधन ने एक प्रश्नावली भी बनाई थी, इसमें बाल कटवाने के पीछे कोई दबाव तो नहीं था? जैसे कई सवाल थे। इसमें भी छात्रों ने दबाव आदि न होने की बात कही है। अनुशासन समिति की बैठक के बाद एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक रखी गई। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, एसपी हरबंश सिंह समेत अन्य शामिल हुए। इसमें छात्रों ने प्रश्नावली में जवाब दिया था, उसको एंटी रैगिंग कमेटी के सामने रखा गया। कमेटी ने उनके हाथ बांध कर चलने, बाल कटवाने के पीछे कारणों को लेकर कई सवाल किया। कहा कि उनकी पहचान उजागर नहीं होगी। छात्रों ने बाल कटवाने के पीछे पुराने कारण ही बताए। बैठक में वार्डन, फैकल्टी आदि मौजूद थे।
काउंसिलिंग भी की गई
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने छात्रों ने बाल कटवाने के पीछे डैंड्रफ आदि कारण बताए हैं। कई बार हो सकता है कि व्यक्ति सामने कुछ न बोल सके, इसके लिए प्रश्नावली बनाई गई थी इसमें भी कोई ऐसा कारण नहीं बताया गया है जिसमें शिकायत जैसी कोई बात हो। डॉ. जोशी ने बताया कि प्रथम वर्ष के छात्रों की काउंसिलिंग की गई है, उन्हें कहा गया है कि अगर कोई शिकायत-परेशानी है तो बता दें। उन्हें सभी तरह के नियमों की जानकारी दी गई है।
सीनियर छात्रों को कड़ा संदेश
डॉ. जोशी ने बताया कि सीनियर छात्रों को बुलाया गया था। एंटी रैगिंग टीम के सदस्यों ने उनसे बात की है। छात्रों को बताया गया है कि रैगिंग जैसे प्रकरण में विधिक समेत क्या-क्या कार्रवाई हो सकती है। कैंपस आदि जगहों पर सादे कपड़ों में नजर रखने के लिए कर्मी भी तैना किए गए हैं। एंटी रैगिंग स्क्वायड को भी लगातार छापा मारने जैसी कार्रवाई करने का निर्देेश दिया गया है।

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