रुद्रपुर। पुलिस के नाम पर एक युवक का अपहरण कर परिजनों से पांच लाख रुपये की फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पांच लाख नहीं मिलने पर 50,000 रुपये लेकर युवक को छोड़ दिया था। पुलिस ने मामले में एक निलंबित सिपाही, दरोगा के बेटे सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी फरार है। आरोपी सिपाही पुलिस लाइन में तैनात है और वर्तमान में चार महीने से ड्यूटी से गायब होने के आरोप में निलंबित चल रहा है। मंगलवार को काशीपुर हाईवे स्थित करतारपुर रोड निवासी अकबर अली ने कोतवाली में सौंपी तहरीर बताया कि 17 जनवरी को उसके पास एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए अपना नाम संदीप पाटनी बताया। कॉलर ने कहा कि उसके भाई नूर को किडनैप कर लिया गया है और उसकी सलामती चाहते हो तो पांच लाख रुपये लेकर काशीपुर रोड स्थित ओवरब्रिज के नीचे आ जाओ।
अकबर अली ने बताया कि काफी गिड़गिड़ाने के बाद उसने 50,00 रुपये में मामला तय किया और बताई गई जगह पर रुपये लेकर पहुंच गया था। वहां संदीप अपने पांच साथियों के साथ खड़ा था। संदीप ने रुपये लेने के बाद नूर को छोड़ दिया। संदीप के जाने के बाद अकबर ने अपने भाइयों के सहयोग से दो आरोपियों को मौके से पकड़कर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम ट्रांजिट कैंप निवासी नेेपाल सिंह और आदर्श कॉलोनी (काठगोदाम) निवासी राज चौधरी बताया। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र से सुभाष कॉलोनी निवासी सुमित धौनी, लोहाघाट (चंपावत) निवासी संदीप पाटनी, हीरा नगर (हल्द्वानी) निवासी विजय नेगी को गिरफ्तार कर लिया जबकि ट्रांजिट कैंप निवासी महेंद्र उर्फ भूपेंद्र सिंह फरार हो गया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 32,500 रुपये और मोबाइल बरामद किया है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। एसएसपी ने कहा कि आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की जाएगी।
पांच माह पहले अल्मोड़ा से तबादले पर आया था संदीप
रुद्रपुर। अपहरण के मामले में शामिल मुख्य आरोपी संदीप पाटनी उत्तराखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात है। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि संदीप पांच पहले अल्मोड़ा से तबादला होकर रुद्रपुर पुलिस लाइन में आया था। एक माह तक ड्यूटी करने के बाद वह नदारद हो गया था। नोटिस देने के बावजूद भी वह हाजिर नहीं हुआ। एसएसपी का कहना है कि संदीप नशे का आदी हो चुका था। इसी कारण ड्यूटी में लापरवाही बरतता था। लगातार नदारद रहने की वजह से उसे कुछ दिन पहले ही निलंबित किया गया है। संदीप की करतूत की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी, उसकी बर्खास्तगी भी हो सकती है। एसएसपी ने बताया कि आरोपी विजय नेगी हल्द्वानी के मुखानी थाने में तैनात दरोगा शिवेंद्र सिंह नेगी का बेटा है। आरोपी नेपाल सिंह एक फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी है।
तो गैंग बनाकर एसओजी के नाम से कर रहे थे उगाही
रुद्रपुर। संदीप चार माह से अपनी ड्यूटी से नदारद है। विजय भी दरोगा पुत्र होने की वजह से पुलिस के कार्यों की जानकारी रखता है। सूत्रों का कहना है कि संदीप अपने साथी नेपाल सिंह के माध्यम से अवैध काम करने वाले लोगों पर नजर रखवाता था। इसके बाद एसओजी के नाम पर लोगों को ब्लैकमेल करता था। कार्रवाई न करने की शर्त पर पहले लोगों से बड़ी रकम की मांग करता था लेकिन लोगों के गिड़गिड़ाने पर कम रुपये में मामले को रफादफा कर देता था। आरोपी गैंग बनाकर इस काम को अंजाम देते थे।
रुद्रपुर में युवक का अपहरण, पांच लाख मांगे, 50 हजार लेकर छोड़ा
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