Wednesday, October 30, 2024
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पुस्तक परिचर्चा में युवाओं ने किताबों पर खुलकर की आलोचनात्मक टिप्पणियां

पिथौरागढ़। आरंभ स्टडी सर्कल ने रामलीला मैदान टकाना में पुस्तक परिचर्चा की, जिसमें 16 से अधिक पाठकों ने 20 किताबों पर आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं। कहा कि किताबों में भाषाई, विषयवस्तु और विधाओं के हिसाब से भारी विविधता है। पाठकों ने अपनी टिप्पणी प्रस्तुत करने के लिए लेखकों और किताबों का चयन किया।
पुस्तक परिचर्चा में पेरुमल मुरुगन की पायर, हर्ष मंदर की एकलव्य से प्रकाशित अदृश्य लोग, अमर्त्य सेन की द आर्ग्युमेंटेटिव इंडियन, कांचा आईलैय्या की हमारे समय में श्रम की गरिमा, मोहनलाल भास्कर की मैं पाकिस्तान में भारत का जासूस था, यूआर अनंतमूर्ति के कहानी संग्रह घटश्राद्ध, तसलीमा नसरीन की औरत के हक में, अनुराधा बेनीवाल की आजादी मेरा ब्रांड, सचिन कुंडलकर की कोबाल्ट ब्लू, एलिस ऑसमैन की हार्टस्टॉपर, उर्वशी बुटालिया की खामोशी के उस पार, प्रेमचंद की रंगभूमि, डेनियल डेफोए की रॉबिंसन क्रूसो, रजत उभयकर की ट्रक दे इंडिया अ हिचहिकर गाइड टू हिंदुस्तान सहित कई पुस्तकें शामिल रहीं। आरंभ के दीपक ने बताया कि आयोजन की एक खास बात यह रही कि युवा पाठकों ने किताबों पर खुल कर आलोचनात्मक टिप्पणियां भी की। इस दौरान अपने पढ़ने के लिए अगली किताबों का चयन कर पुस्तकों का आदान-प्रदान किया गया। अभिषेक ने संचालन किया। इस मौके पर अंजलि, शीतल, महेंद्र, एकता, ज्योति, गोर्की, गौरांग, गणेश, आशीष, दिव्यांश, शिवम, पंकज, भूमिका पांडे, रामलाल सागर, भुवन सनवाल आदि रहे।

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