उत्तराखंड में आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ने वाला है। जिससे हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ पिघलने और हिमस्खलन की आशंका बन रही है। वहीं वनों में आग की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसको लेकर मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल मौसम शुष्क रहेगा। रविवार से मंगलवार के बीच प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में अत्यधिक उछाल आने के आसार हैं।
उत्तराखंड के छह जिलों में सूखा रहा मार्च
शीतकाल में सामान्य से अधिक बारिश और मार्च में सूखे के हालात, मौसम का यह मिजाज विशेषज्ञों को भी चौंका रहा है। इस बार मार्च अब तक तकरीबन सूखा रहा है। छह जिलों में बारिश बिल्कुल नहीं हुई और अन्य सात जिलों में भी मेघ न के बराबर बरसे। प्रदेश में मार्च में औसत बारिश 48.9 मिलीमीटर के सापेक्ष अब तक 2.2 रही है, जो कि सामान्य से 96 प्रतिशत कम है। प्रदेश में इस बार शीतकाल में रिकार्ड बारिश और बर्फबारी हुई। अक्टूबर से फरवरी तक कई बार बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। बीते सीजन में बारिश में सामान्य से डेढ़ गुना, जबकि बर्फबारी में दोगुना बढ़ोतरी दर्ज की गई। विशेषज्ञों ने इसे प्रशांत महासागर में होने वाले ला नीना का प्रभाव बताया था। हालांकि, मार्च शुरू होने के बाद से ही प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है।
चटख धूप खिलने के साथ ही तापमान में भी लगातार वृद्धि हो रही है। मौसम की बेरुखी से प्रदेश के तकरीबन सभी जिले बारिश को तरस रहे हैं। खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में अब तक मेघ नहीं बरसे हैं। जबकि, उक्त सभी जिलों में सामान्य बारिश 10 मिलीमीटर से लेकर 46 मिलीमीटर तक दर्ज की जाती है।
मौसम विशेषज्ञ इसे पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रवाह के कमजोर पड़ने को मान रहे हैं। अभी मार्च समाप्त होने में चंद रोज और बाकी हैं, जिनमें बारिश की संभावना न के बराबर है। यदि इस माह देहरादून में बारिश नहीं होती है तो यह बीते 38 साल में पहला मौका होगा।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी गर्मी, ट्रैकिंग पर जा रहे पर्यटक सावधान, हिमालयी क्षेत्रों में तेजी से बर्फ पिघलने की आशंका
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