उत्तराखंड कैबिनेट में हुए ग्रेड-पे से संबंधित फैसले पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पहले सरकार से वार्ता करने और बात नहीं बनने पर आंदोलन का निर्णय लिया है। शुक्रवार को परिषद की बैठक में छह प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा के बाद तय किया गया कि, सभी घटक संघ अपने प्रस्ताव देंगे। इन प्रस्तावों को परिषद सरकार तक पहुंचाएगी। परिषद की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार को ऑफिसर्स ट्रांजिट हॉस्टल रेसकोर्स में प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे की अध्यक्षता में हुई। इसमें परिषद के सभी घटक संघों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में प्रांतीय महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने एजेंडा रखा। इसमें 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान का लाभ देते हुए पूर्व की एसीपी व्यवस्था बहाल करने, गोल्डन कार्ड के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कत और इसमें सुधार, अति उत्तम एसीआर की अनिवार्यता को समाप्त कर उत्तम एसीआर को मान्य करने, तबादला एक्ट से प्रभावित विभागों व इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने, फील्ड कार्मिकों की मांगों के साथ ही कैबिनेट में हुए ग्रेड-पे संबंधी निर्णय पर चर्चा हुई। सभी ने पुरानी एसीपी की मांग पुरजोर तरीके से उठाई।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने सभी घटक संघों से आह्वान किया कि वह अपनी समस्याओं के प्रस्ताव बनाकर परिषद को भेजें। इस आधार पर ही परिषद उनकी मांगों को शासन और सरकार तक पहुंचाएगा। बैठक में फील्ड कार्मिकों का वाहन भत्ता बढ़ाने व ग्रेड-पे पर वार्ता के बाद ही आगे की रणनीति बनाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान वरिष्ठ उपाध्य गिरिजेश कांडपाल, प्रांतीय संरक्षक ओमवीर सिहं, सलाहकार दिनेश जोशी, उपाध्यक्ष राकेश मोहन तिवारी, कर विभाग के अध्यक्ष जगमोहन नेगी, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रविंद्र सिंह, प्रांतीय प्रवक्ता आरपी जोशी, गढ़वाल मंडल से हर्षमोहन नेगी, कुमाऊं मंडल एस सामन्त आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
पहले करेंगे वार्ता, अगर बात नहीं बनी तो फिर होगा आंदोलन
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