Thursday, November 28, 2024
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जंगल में बाघ और आबादी में घूम रहे गुलदार,डेढ़ साल में आठ लोगों का कर चुके हैं शिकार

यह हैं प्रमुख घटनाएं
23 जून 2020: सुनकोट की भगवती को गुलदार ने मारा
11 जुलाई 2020 को बैराज से लगे जंगल में महिला को गुलदार ने मार दिया
8 अक्तूबर 2021: ज्यालीकोट में ढाई साल के मासूम
16 नवंबर 2021: ज्योलीकोट के डांगर में 5 साल के बच्चे को गुलदार ने मार दिया
9 दिसंबर 2021:दमुवाढूंगा जंगल में युवक को गुलदार ने अपना निशाना बनाया।
13 जनवरी 2022: काठगोदाम में महिला व 17 जनवरी 2022 को बजूनिया हल्दू के जंगल में ग्रामीण
21 फरवरी को महिला को अपना निवाला बनाया
ऐसा देखने में आ रहा है कि गांवों से लगे जंगलों में बाघ के मूवमेंट के चलते उन क्षेत्रों के आसापास के गुलदार आबादी की तरफ मूवमेंट कर रहे हैं। कोशिश है दोनों के मूवमेंट को आबादी से खत्म किया जाए। इसके लिए वन टीम लगातार गश्त कर रही है।
केआर आर्या रेंजर, फतेहपुर रेंज

आमदखोर हो चुका बाघ महिला को निवाला बनाने के बाद हफ्ते भर से गायब है। 50 कैमरा ट्रैप में किसी में भी वह नहीं दिखा है। उधर, गुलदार के आबादी में आने से फतेहपुर रेंज के गांव से लगे जंगलों में बाघ का होना माना जा रहा है। गुलदार बाघ के क्षेत्र में अपनी जान जाने के डर से मूवमेंट नहीं करता है। लेकिन फतेहपुर में गुलदार व बाघ के मूवमेंट के बाद से जहां लोग डरे हुए हैं।वहीं वन्यजीव विशेषज्ञ दोनों के एक क्षेत्र में मूवमेंट को सामान्य नहीं मान रहे हैं। हालांकि वन अधिकारियों का कहना है फतेहपुर रेंज के जिन क्षेत्र में मूवमेंट है, उनके आसपास के गुलदार अपने को बचाने के चलते भी आबादी में आ रहे हैं। उधर, वन विभाग की टीम की गश्त जारी है। हालांकि कैमरों व पिंजरों से कोई मदद अभी तक नहीं मिल पायी है।
डेढ़ साल में 4 महिलाओं को बनाया निवाला
बाघ और गुलदार ने पिछले डेढ़ साल में नैनीताल जिले से लगे जंगलों में 8 लोगों को अपना निवाला बनाया है। इसमें से चार महिलाएं हैं, जो जंगल चारा लेने के लिए गई थीं। तब से नैनीताल जिले में वन्यजीवों के हमले थोड़े-थोड़े अंतराल में लगातार हो रहे हैं। बाघ व गुलदार के हमलों से लोगों में रोष पनप रहा है।

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