रूस-यूक्रेन युद्ध का साया भारतीय फुटकर बाजार में देखने को मिल रही है। काफी समय से खाद्य तेलों के दामों में स्थिरता के बाद एकाएक खाद्य तेलों के दाम भी बढ़ गए हैं। ऋषिकेश से लेकर डोईवाला तक खाद्य तेल के दामों में 10 से 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों के दाम बढ़ने से रसोई के बजट पर इसका असर पड़ेगा। व्यापारियों का मानना है कि बढ़ती महंगाई से कारोबार पर असर पड़ रहा है। वहीं गृहणियों ने कहा तेल और दाल के बढ़े दामों से घर का बजट गड़बड़ा गया है। खाद्य तेलों में आई तेजी से जमाखोरी बढ़ने की संभावना बताई जा रही है।
कोरोना संक्रमण काल से अब भी आम आदमी जूझ रहा है और अब एक बार फिर खाद्य तेलों के दाम आसमान छूने लगे है। ऐसा तब हो रहा है जब रंगों का त्योहार होली आने में एक पखवाड़ा से भी कम समय बचा है। होली से पहले ही लोग पर्व के लिए तैयारियां शुरू कर देते है। सभी प्रकार के पकवान और खाद्य पदार्थों के लिए तेल की जरूरत होती है। खाद्य तेलों के दाम एकाएक बढ़ने से खासकर महिलाएं खासी परेशान हैं। खाद्य तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी का कारण रूस यूक्रेन संघर्ष भी बताया जा रहा है। तेल व्यापारियों ने बताया कि यूक्रेन से खाद्य तेलों की आवक होती है। खाद्य तेलों में रिफाइंड और सरसों के तेल के दामों में बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है। एक सप्ताह पहले जो रिफाइंड और सरसों को तेल 140 प्रति लीटर मिल रहा था। वह बढ़कर 160 से 175 तक पहुंच गया है। गृहिणी रीना गुप्ता, शालू चौहान, किरन आदि ने बताया कि खाद्य तेलों के दाम बढ़ने से घर का बजट गड़बड़ा रहा है। व्यापारी अनिल महावर ने बताया कि खाद्य तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है।
चुनाव परिणाम के बाद पेट्रोल और डीजल के दमों में भी तेजी की आशंका
ऋषिकेश। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में दिन पर दिन हो रहे इजाफा का असर जल्द ही भारत में भी पड़ने के असार बढ़ गए हैं। दरअसल लोगों का कहना है कि पांच राज्यों में चुनाव का अंतिम चरण निपटते ही पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा हो सकता है।
खाद्य तेलों के दामों में अचानक तेजी आने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। खाद्य तेल में जहां सरसों का एक लीटर तेल 180 रुपये में मिलता था वह बढ़कर 200 रुपये हो गया है। वहीं रिफाइंड तेल के एक लीटर का पॉकेट तो 140 रुपये था वह 165 रुपये हो गया है। सरकार को खाद्य तेल के दामों को कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए। – पिंकी सिंह, गृहणी
करीब छह महीने से खाद्य तेलों के दामों में पहले से ही तेेजी आ रही थी। अब एक बार फिर भी खाद्य तेलों के दामों में तेजी आने से रसोई का बजट पूरा बिगड़ गया है। होली के त्योहार में बढ़े हुए दामों के कारण पूरा रसोई का बजट बिगड़ेगा। -अंशु आहूजा, गृहणी
अभी मालवाहक ट्रकों का किराया नहीं बढ़ा है। विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद डीजल के दाम बढ़ने का अंदेशा है। यदि डीजल के दाम बढ़ते हैं तो ट्रकों का माल भाड़ा भी बढेगा। जिससे घर की रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में भी तेजी आएगी। -सुरेेश तिवारी, तिवारी ट्रांसपोर्ट, नटराज चौक
खाद्य तेलों के दामों में तेजी आई है। जबकि दालों के दाम अस्थिर हैं। रिफाइंड तेल का जो एक लीटर का पाउच 140 रुपये मिलता था, उसके दाम बढ़कर 160-165 हो गया है। जो सरसों के तेल का एक लीटर का जो पाउच 180 में मिलता था उसके बाद 200 तक पहुंच गए हैं। दाल के दामों में पहले से ही तेजी है। सुनील बिष्ट, फुटकर परचून व्यापारी