दिल की बीमारियां अब बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही। मौजूदा जीवनशैली, मोटापा, तनाव और जंक फूड के सेवन जैसे कारकों से युवाओं में भी हृदय संबंधी समस्याएं अधिक होती जा रही हैं। विश्व हृदय दिवस को लेकर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल देहरादून के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हृदय रोगों को लेकर जागरूक किया। लोगों से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की अपील की। अस्पताल की एसोसिएट डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डॉ. प्रीति शर्मा ने कहा कि भारत के 12 शहरों में किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि 70 प्रतिशत से अधिक शहरी भारतीय आबादी हृदय रोग से किसी न किसी प्रकार से प्रभावित हैं। इस वर्ष विश्व हृदय दिवस की थीम है ‘सभी के लिए स्वास्थ्य हृदय। एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. योगेंद्र सिंह ने कहा कि हृदय रोग (सीवीडी) दुनियाभर में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। सीवीडी के दो सबसे आम प्रकार हैं, कोरोनरी हृदय रोग (दिल का दौरा पड़ने वाले) और सेरेब्रोवास्कुलर रोग (स्ट्रोक के लिए अग्रणी कारक) हैं। पिछले कुछ वर्षों में हृदय की समस्याओं से पीड़ित युवा रोगियों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. पुनीश सदाना ने कहा कि धूम्रपान, शराब पीना, अत्याधिक फास्ट-फूड का सेवन और व्यायाम नहीं करना युवाओं में दिल की बीमारी का कारण है। सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रवि कुमार सिंह ने कहा कि आदतों को यदि प्रारंभिक अवस्था में बदल दिया जाए तो व्यक्ति के हृदय और स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ सकता है।
युवाओं में हृदय रोगों का बढ़ाना चिंताजनक
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