जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) देहरादून, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में हुई धांधली की दूसरे चरण की जांच पूरी हो गई है। सोमवार को जांच समिति ने रिपोर्ट शासन को सौंप दी। बताया जा रहा है कि चयन समिति की ओर से खेल प्रमाणपत्रों और पाठ्येतर गतिविधियों के अंकों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। दिसंबर 2020 में जिला सहकारी बैंकों में 423 पदों पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादों के घेरे में आ गई थी। इस पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर सचिव सहकारिता डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने देहरादून, पिथौरागढ़ व ऊधमसिंह नगर जिले की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए जांच के आदेश दिए गए थे। पहली रिपोर्ट समिति जमा कर चुकी है लेकिन भर्ती प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों का पक्ष इसमें नहीं था। इस पर शासन ने अधिकारियों का पक्ष जानने के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
बताया जा रहा है कि अभ्यर्थियों की ओर से फर्जी खेल प्रमाणपत्र लगाए गए। चयन समिति में शामिल डीसीबी अध्यक्षों, महाप्रबंधकों और सहायक निबंधकों ने बिना जांच इन प्रमाणपत्रों के आधार पर अंक दे दिए। इसके अलावा चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए पाठ्येतर गतिविधियों को भी सुविधानुसार तोड़-मरोड़ दिया गया।
एनसीसी, एनएसएस या दूसरी गतिविधियों को इसमें शामिल ही नहीं किया गया। जबकि कुछ अभ्यर्थियों के ऐसे प्रमाणपत्रों को भी पाठ्येतर गतिविधियों में शामिल कर लिया गया जो इसके अंतर्गत आती ही नहीं हैं। इससे पूरी मेरिट गड़बड़ा गई। बहरहाल, जांच रिपोर्ट में क्या है, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि चयन प्रक्रिया में शामिल बैंकों के अध्यक्षों और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय है। जांच समिति की रिपोर्ट शासन को प्राप्त हो चुकी है। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इतना तय है कि यदि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी सामने आई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, सचिव सहकारिता।
जांच समिति ने शासन को सौंपी DCB भर्ती घोटाले की रिपोर्ट, अंक देने में धांधली के संकेत
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