Sunday, November 24, 2024
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बेहतर फायदे के लिए हाउसिंग क्षेत्र में कर सकते हैं निवेश, सरकार कर रही प्रोत्साहित

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का हाउसिंग उद्योग 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर यानी 76 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। 2025 तक यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 13 फीसदी का योगदान कर सकता है। 2050 तक देश की आबादी भी तेजी से बढ़ेगी। इसके साथ ही अलग-अलग रहने की वजह से घरों की मांग बढ़ेगी।
इस वजह से इसमें निवेश करने के अवसर दिख रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के प्रमुख 7 शहरों में जनवरी से मार्च, 2022 के दौरान घरों की बिक्री सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़कर 99,550 यूनिट पर पहुंच गई है। पिछले साल इसी समय में 66,176 घर बिके थे। साल 2015 के बाद किसी एक तिमाही में यह सबसे ज्यादा बिक्री रही है। नए लॉन्च वाले घरों में 43 फीसदी की तेजी आई है।
सरकार प्रोत्साहित कर रही है
सरकार भी कई उपायों के माध्यम से हाउसिंग के क्षेत्र में गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। इसमें टाउनशिप और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की मंजूरी, सस्ते घरों की योजना, कुछ राज्यों द्वारा स्टैंप शुल्क में कटौती भी शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी परियोजनाएं इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक हैं।
पिछले दो सालों से रिजर्व बैंक ने कर्ज को भी सस्ता कर रखा है जो ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है। इस समय ब्याज दर 7% के अंदर है।
कई तरह के बदलाव भी हुए हैं
पिछले कुछ सालों में इसने कई बदलावों को देखा है। इसमें नोटबंदी से लेकर रेरा, जीएसटी और कोविड महामारी जैसे कई बदलाव शामिल रहे हैं।
इन सभी उपायों और सुधारों ने इस उद्योग में विकास को एक नई रफ्तार दी है।
इन सभी और कई अन्य कारकों के कारण भारत का रियल एस्टेट क्षेत्र सात साल के लंबे उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है जो अब आखिरकार खत्म होता दिख रहा है और आगे उम्मीद की किरण नजर आने लगी है।
76 लाख करोड़ रुपये का 2030 तक हो सकता है हाउसिंग उद्योग का आकार
2021 तेजी का साल रहा
1996-17 से अब तक देखें तो यह पता चलता है कि हाउसिंग क्षेत्र में उतार-चढ़ाव 6 से 8 सालों तक रहता है। 2012-13 से 2020 तक इस क्षेत्र के लिए मंदी का एक लंबा समय था और 2021 तेजी का पहला साल रहा, जिसमें घरों की बिक्री बढ़ने के साथ इसकी कीमतें भी बढ़ीं।
47 फीसदी लोग निवेश करना चाहते हैं
रियल एस्टेट संगठन नरेडको की रिपोर्ट के अनुसार, उसके सर्वेक्षण में करीब 47 फीसदी लोगों ने यह माना कि वे सोना, शेयर बाजार और सावधि जमा (एफडी) की तुलना में रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं।
2020 की दूसरी छमाही में 33 फीसदी लोगों का ऐसा रुझान था। सर्वे के अनुसार, कोविड की वजह से लोग ज्यादा बड़ा और बेहतर घर चाहते हैं।
इस साल घरों की बिक्री कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
52 फीसदी लोग मानते हैं कि घरों की कीमतें 6 महीने में बढ़ जाएंगी जबकि 73 फीसदी लोग घरों के लिए मिल रही छूट को और आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं।
एनएसई का हाउसिंग इंडेक्स
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने हाल में निफ्टी हाउसिंग इंडेक्स लॉन्च किया है जबकि इसी बेंचमार्क के बराबर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने हाउसिंग पर नए फंड को लॉन्च किया है। यह फंड रियल एस्टेट की कंपनियों और इससे जुड़े अन्य साधनों में निवेश करेगा, जिसे हाउसिंग सेक्टर की तेज रफ्तार का फायदा मिलेगा। -प्रमोद कुमार सारस्वत, वेल्थवाइज फाइनेंशियल सर्विसेस

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