-शहरों में हुई जमीनों की सर्वाधिक लूट
-जनता की राय के लिए संघर्ष समिति ने जारी किया नंबर
देहरादून: मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने निकाय चुनावों में भागेदारी को लेकर जनमत संघर्ष करने का निर्णय लिया है। जनता के निर्णय के आधार पर ही संघर्ष समिति चुनाव को लेकर निर्णय लेगी।
देहरादून प्रेस क्लब में संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय पार्टियों की सरकारों ने प्रदेश के नगर निकायों में भूमि कानून कमजोर करके प्रदेश में भूमि की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दिया है। उत्तराखंड में किसी भी सरकार ने नगर निकायों में जमीन की खरीद फरोख्त को रोकने के लिए कोई कानून नहीं बनाया, उल्टा नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार करके ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों को मिलकर खरीद फरोख्त का खेल खेला गया।
मोहित डिमरी ने कहा कि संघर्ष समिति के पास लगातार लोगों के संदेश आ रहे हैं कि निकाय चुनावों में प्रत्याशी उतारे जाएं, जो नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम में पहुंचकर जमीन की खरीद फरोख्त को रोकने के लिए काम करें । संघर्ष समिति जनता के बीच पहुंचकर और सर्वे कराकर इस बात का निर्णय लेगी कि चुनाव में प्रत्याशियों को उतारा जाना चाहिए या नहीं। अगर प्रदेश की जनता चुनाव के पक्ष में होगी होगी तो राष्ट्रीय पार्टियों को छोड़कर सभी क्षेत्रीय सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों को एकजुट करके निकाय चुनावों में प्रत्याशियों को उतारा जाएगा। संघर्ष समिति एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करेगी, जिसमें राज्य के सभी क्षेत्रीय संगठनों के प्रबुद्ध व्यक्ति होंगे,। प्रत्याशियों से उनका बायोडाटा मांगा जाएगा और स्क्रीनिंग कमेटी प्रत्याशियों का चयन करेगी।
संघर्ष समिति के सह संयोजक लुशून टोडरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जमकर भ्रष्टाचार किया है, जिसमें सत्ताधारी पार्टी के नेता और मंत्री शामिल हैं। नगर निगमों, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में दूसरे प्रदेश के भू माफियाओं के साथ मिलकर जमीन की खरीद फरोख्त में सत्ताधारी पार्टी के नेता शामिल हैं और इन्हें रोका जाना जरूरी है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सोई हुई है और उसका प्रदेश के मुद्दों पर लड़ने के लिए कोई इरादा नहीं है, इसलिए अब प्रदेश की जनता को अब अपने मत का अधिकार इनके खिलाफ करना होगा। उन्होंने कहा कि समिति ने जनता की राय के लिए व्हाट्सएप नंबर 8445587857 जारी किया है। इस पर आम जनता अपनी राय दे सकती है। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों की राय ली जाएगी।
इस मौके पर संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिमांशु रावत एवं पूर्व सैन्याधिकारी पीसी थपलियाल ने कहा कि शहरों में जमीनों की लूट को रोकना जरूरी है। अभी तक हुई लूट में राष्ट्रीय पार्टियों की भूमिका रही है। इस लूट को रोकने के लिए जनता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। संघर्ष समिति के जनमत संग्रह को लेकर जनता जो भी निर्णय देगी, उस पर काम किया जाएगा। अब जनता को तय करना है कि संघर्ष समिति को चुनाव में प्रत्याशी उतारने हैं या नहीं।
इस मौके प संघर्ष समिति के कॉर्डिनेटर प्रमोद काला, पूर्व सैनिक एकता संगठन के अध्यक्ष निरंजन चौहान, युवा इकाई के महानगर प्रभारी जस्सी नेगी, गौतम राणा, सावन चंद्र रमोला, मनीष मंदवाल आदि मौजूद थे।