Thursday, December 5, 2024
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हंगामेदार रहा जसपुर किसान सेवा समिति का अधिवेशन

जसपुर। बहुउद्देश्यीय जसपुर किसान सेवा सहकारी समिति के 58वें वार्षिक अधिवेशन में सहकारिता विभाग के अधिकारियों के नहीं आने पर किसानों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने खाद नहीं मिलने, कर्ज की सीमा कम होने का भी आरोप लगाया। इस मौके पर 80 लाख रुपये का अनुमानित लाभ का बजट पारित किया गया। सदस्य किसानों को 10 प्रतिशत लाभांश बांटने का निर्णय लिया। कोरोना काल के तीन वर्ष बाद ठाकुरद्वारा रोड स्थित बैंक्वेट हाल में समिति का वार्षिक अधिवेशन हुआ। बीते वर्ष की कार्रवाई की पुष्टि की गई। समिति के प्रबंध निदेशक हेमराज सिंह चौहान ने समिति की प्रगति आख्या पढ़ी। प्रेम सहोता ने आरोप लगाया कि समिति के बोर्ड के सदस्य किसानों के बीच से चुने जाते हैं। बोर्ड में रहकर वे किसानों के हितों की रक्षा नहीं कर रहे हैं। किसानों को समिति से खाद नहीं मिल रही।
यूपी से खाद लानी पड़ रही है। किसानों की फसलें खराब होने पर उन्हें मुआवजा नहीं दिला पा रहे हैं। बोर्ड के सदस्य किसानों के धान का मूल्य भी नहीं दिला पा रहे हैं। बोर्ड में किसानों के हित की आवाज नहीं उठा रहे हैं। अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने कहा कि अधिवेशन में पारित प्रस्तावों को शासन को भेजा जाएगा। समिति का लाभ बढ़ाने के लिए अन्य कारोबार पर विचार किया जाएगा। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि समिति का किसानों पर कर्ज का लगभग 10 करोड़ रुपया बकाया है। किसान अपने कर्ज को जमा करें। इस अवसर पर लखबीर सिंह, हरीश चंद्र सिंह, दिग्विजय सिंह, सुभाष सिंह, विक्रम सिंह, हर स्वरूप सिंह, भागेश देवी, जसविंदर कौर, विजेंद्र गहलोत, धर्मपाल सिंह, प्रमोद कुमार, देवेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।
किसानों की मांगें
देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि समिति का कारोबार पहले की अपेक्षा घटा है। समिति बोर्ड के सदस्य एवं अधिकारी समिति को अभिलेखों में नंबर एक दर्शा रहे हैं लेकिन धरातल पर नंबर एक नहीं है। अन्य समितियों ने अपना कारोबार बढ़ाया है जबकि इस समिति का कारोबार घटा है। कारोबार बढ़ेगा सभी किसानों को लाभांश भी मिलेगा। शीतल सिंह ने कहा कि उनके गांव जगतपुर पट्टी के गोदाम की चहारदीवारी टूट गई है। समिति इसका निर्माण कराएं। समिति के मिनी बैंक से रुपये निकालने की प्रक्रिया को सरल किया जाए। फसल की लागत अधिक आती है खाद डीजल कीटनाशक आदि पर रेट बढ़ गए हैं। कर्ज की लिमिट मात्र 31 हजार रुपये है इसे बढ़ाया जाए। खाद उपलब्ध कराई जाए। खाद के साथ अन्य उत्पाद न मिलें।
किसानों की समस्याओं से अधिकारियों का कोई लेना देना नहीं : विधायक
जसपुर। अधिवेशन के मुख्य अतिथि विधायक आदेश चौहान ने अधिवेशन में सहकारिता विभाग के अधिकारियों के नहीं आने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने समिति के एआर से दूरभाष पर वार्ता कर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या से अधिकारियों का कोई लेना देना नहीं है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की यह सबसे बड़ी समिति है। समिति खाद की मांग का प्रस्ताव सरकार को भेजें। समिति के सदस्यों को अधिक कर्ज देने का प्रस्ताव पारित करें। समिति आय बढ़ाने के लिए अन्य कारोबार करें। उन्होंने कहा कि समिति को लाभ 85 लाख रुपये का लाभ हुआ है जिसमें 80 लाख रुपये मिनी बैंक से हुआ है। समिति से मात्र पांच लाख रुपये की आय हुई है। समिति का बोर्ड आय बढ़ाने के लिए अन्य कारोबार पर विचार करें।
किसान भाई समिति चलाने के लिए बकाया जमा करें : सिंघल
जसपुर। अधिवेशन के विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल ने कहा कि समिति के बोर्ड के सदस्य केवल धान-गेहूं की फसल पर ही नहीं अटके रहें अन्य कारोबार पर भी विचार करें। केंद्र एवं राज्य सरकारों के सहकारिता विभाग से किसानों के हित के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। समिति के सदस्य योजनाओं की जानकारी कर किसानों को लाभ दिलाएं। समिति का किसानों पर लगभग 10 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। किसान भाई समिति को चलाने के लिए अपनी अपनी बकाया राशि को जमा करें। उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों के नहीं आने पर नाराजगी जताई।
आठ हजार 900 से अधिक किसान हैं समिति सदस्य
जसपुर। समिति में वर्तमान में आठ हजार नौ सौ से अधिक किसान सदस्य हैं। समिति की स्थापना 1958 में हुई थी। समिति की चार मिनी बैंक शाखाएं समिति मुख्यालय, महुआडाबरा, पतरामपुर, जगतपुर पट्टी गांव में है। समिति के तीन उपभोक्ता केंद्र राशन की दुकान गड़ी हुसैन, आमका, जगतपुर पट्टी गांव में है। समिति के 7 कृषि निवेश वितरण केंद्र समिति मुख्यालय, पतरामपुर, जगतपुर पट्टी, निवार मंडी, महुआडाबरा, बढ़ियावाला, हजीरो गांव में है। इसी के साथ समिति को उत्तराखंड की सबसे बड़ी समिति भी कहा जाता है।

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