उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सिंचाई विभाग की ओर से स्मिथनगर मुख्य मार्ग और राघव विहार में जेसीबी से की जा रही खुदाई और सिंचाई लाइन बदलने के चलते पानी की सप्लाई लाइन टूट गई। इससे पूरे इलाके में जल संकट खड़ा हो गया। सैकड़ों परिवार पानी के लिए तरस गए हैं। उधर, सिंचाई विभाग और पेयजल निगम के बीच तालमेल न होने से मरम्मत का काम भी शुरू नहीं हो सका। पानी की लाइन टूटने से राघव विहार फेज-दो से पांच और कृष्णा विहार क्षेत्र में आपूर्ति ठप हो गई है। संयुक्त शिकायत निवारण समिति मेहूंवाला क्लस्टर योजना के सदस्य वीरू बिष्ट ने सिंचाई विभाग और पेयजल निगम में तालमेल के बिना काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि गुरुवार को सिंचाई विभाग की ओर से स्मिथनगर मुख्य मार्ग और राघव विहार फेस-5 के पास जेसीबी से खुदाई करके सिंचाई वाले पाइप को बदला जा रहा था कि मुख्य पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी सूचना तत्काल पेयजल निगम को दी गई, जिसके बाद ठेकेदार को लाइन दुरुस्त करने को भेजा गया। लेकिन, पेयजल निगम के अधिकारी क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत का पैसा सिंचाई विभाग को देने की बात कह रहे हैं। वहीं, सिंचाई विभाग खुद लाइन ठीक कराने की बात कह रहा है। दोनों विभागों में तालमेल न होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इस बारे में पेयजल निगम के ईई एम हसन ने बताया कि सिंचाई विभाग ने लाइन तोड़ने के बाद अभी तक सूचित नहीं किया है। यदि सिंचाई विभाग ने लाइन तोड़ी है तो वही उसे बनाएगा भी।
लोगों ने पुराने ओवरहैड टैंक को दुरुस्त कराने की मांग की
सरस्वती विहार के ब्लॉक-बी और केदारपुरम में पुराने ओवरहैड टैंकों की मरम्मत को लेकर लोग मुखर हो गए हैं। टैंकों से पानी की बर्बादी के बाद सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत से जल संस्थान हरकत में आया है। ब्लॉक-बी में 830 किलोलीटर और केदारपुरम में 930 किलोलीटर क्षमता के ओवरहैड टैंक में पिछले लम्बे समय से लीकेज है। लोग सीएम पोर्टल पर तीन बार शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद जल संस्थान ने दोनों टैंकों की मरम्मत का फैसला लिया। सरस्वती विहार वेलफेयर सोसायटी के महासचिव गजेंद्र भंडारी ने टैंक निर्माण में खराब गुणवत्ता का अरोप लगाया है।
जेसीबी से खुदाई के दौरान पानी की लाइन टूटने से पेयजल आपूर्ति ठप, पुराने ओवरहैड टैंक को दुरुस्त कराने की मांग
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