अल्मोड़ा। क्षेत्र के 15 से अधिक गांवों को जोड़ने वाली काकड़ीघाट-शीतलाखेत सड़क में डामरीकरण में घालमेल हुआ है। डीएम के निर्देश पर मौके पर पहुंचे रानीखेत के एसडीएम ने खुद डामरीकरण कार्य में खामियां देखीं। उन्होंने कहा सड़क पर हुए डामरीकरण की गुणवत्ता बेहद घटिया है जिसकी टेक्निकल कमेटी से जांच कराई जाएगी। कहा गुणवत्ता से समझौता करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्र के 15 से अधिक गांवों की पांच हजार की आबादी को जोड़ने के लिए बनी काकड़ीघाट-शीतलाखेत सड़क पर डामरीकरण किया जा रहा है। बीते मंगलवार को ग्रामीणों ने डामरीकरण की गुणवत्ता को लेकर मौके पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया था। ग्रामीणों ने डामर को अपने पैरों से उखाड़कर इस लापरवाही को उजागर करते हुए काम रुकवा दिया। मामला डीएम तक पहुंचा और उन्होंने मामले की जांच के आदेश जारी किए। बुधवार को डीएम के निर्देश पर रानीखेत के एसडीएम जयकिशन मौके पर पहुंचे और डामर की गुणवत्ता को परखा। उन्होंने कहा निश्चित तौर पर डामरीकरण की गुणवत्ता बेहद खराब है। यह गंभीर लापरवाही है। फिलहाल काम रुकवा दिया गया है। इसकी टेक्निकल कमेटी से जांच कराई जाएगी जिसके जल्द आदेश जारी होंगे।
डामरीकरण के लिए नहीं है उपयुक्त तापमान
अल्मोड़ा। डामरीकरण के लिए मानकों के अनुसार तापमान की जरूरत होती है लेकिन उपयुक्त तापमान न होने के बाद भी काकड़ीघाट-शीतलाखेत सड़क पर डामरीकरण किया जा रहा है। स्थिति यह है कि कुछ दिन बाद ही जगह-जगह डामर उखड़ने से सड़क पर गड्ढे बन गए हैं। इसी बात से नाराज ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवाया और डीएम से मामले की शिकायत की। एसडीएम जयकिशन का भी कहना है कि डामरीकरण के लिए उपयुक्त तापमान नहीं हैं।
काकड़ीघाट-शीतलाखेत सड़क में डामरीकरण की टेक्निकल कमेटी करेगी जांच
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