Friday, November 8, 2024
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अब गांवों में बनेंगे मिट्टी से निर्मित ईको फ्रेंडली होम स्टे

नैनीताल। ईंट, सरिया और कंक्रीट से बने होम स्टे तो आपने देखे होंगे, लेकिन पूरी तरह मिट्टी से निर्मित होम स्टे शायद ही पर्वतीय जिलों में देखे हों। पर्यावरण से प्रेम करने वालों का ये सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है। जिला प्रशासन ने सामाजिक संस्था गीली मिट्टी के साथ अनुबंध कर शत प्रतिशत गांवों की मिट्टी से निर्मित ईको फ्रेंडली होम स्टे बनवाने का फैसला लिया है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच गांवों को गोद लिया जाएगा, जिसके लिए एक करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि नैनीताल के समीप पंगूट गांव में संस्था गीली मिट्टी ऐसे ईको फ्रेंडली होम स्टे तैयार कर रही है। इसे देखते हुए ही जिला प्रशासन ने गांवों में सामुदायिक पर्यटन को बढ़ाने और रोजगार सृजन की दृष्टि से संस्था के साथ अनुबंध किया है। इससे जहां एक ओर कुमाऊं की स्थानीय वास्तुकला और संस्कृति को पुनर्जीवित किया जा सकेगा, वहीं सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा।
लागत कम और मजबूती अधिक
नैनीताल। डीएम गर्ब्याल ने बताया कि ईको फ्रेंडली होम स्टे की लागत बहुत कम आती है। चार से पांच लाख रुपये में तीन चार कमरों का होम स्टे बन जाता है। इसे बनाने में मिट्टी के अलावा घासफूस, गोबर और लकड़ी आदि का प्रयोग होता है। यह पूरी तरह सुरक्षित और खासा मजबूत होता है। उन्होंने दावा किया कि यह परियोजना प्रदेश में अपनी तरह की पहली परियोजना होगी।
पंगूट में ही बना दी मिट्टी की ईंटें
नैनीताल। सामाजिक संस्था गीली मिट्टी की ओर से किए जाने वाले निर्माण कार्य में तराई के भट्टों से आने वाली लाल ईंटों का उपयोग नहीं होता। संस्था पंगूट गांव में ही वहां की मिट्टी से ईंटें तैयार कर रही है। यह देखने में हूबहू ईंटों की तरह है, बस रंग का अंतर है। गांवों में सामुदायिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए संस्था से अनुबंध हुआ है। जल्द ही पांच गांवों का चयन कर उन्हें गोद लिया जाएगा। जहां ईको फ्रेंडली होम स्टे बनवाकर ग्रामीण समूहों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में हर ब्लाक 10-15 गांवों में इस तरह के होम स्टे बनाते हुए इसे उद्यान, कृषि, पशुपालन आदि से भी जोड़ा जाएगा। – धीराज सिंह गर्ब्याल डीएम नैनीताल।
कंक्रीट पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे पहाड़ के भार वहन करने की क्षमता प्रभावित हो रही है। अब समय आ गया है कि हम ईको फ्रेंडली निर्माण कार्य को बढ़ावा दें। संस्था इस दिशा में जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। हम प्रशासन को बेहतर तकनीक उपलब्ध कराएंगे। – शगुन सिंह फाउंडर और डायरेक्टर गीली मिट्टी फार्म्स।

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