Thursday, December 11, 2025
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Mahadeepam Row: पवन कल्याण बोले— ‘हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा’, परंपराओं पर सवाल उठाने वालों पर कसा तंज

महादीपम विवाद पर भड़के पवन कल्याण, कहा— हर मौके पर हिंदू परंपराओं को बनाया जा रहा निशाना

तमिलनाडु में ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तक राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गर्माया हुआ है। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने चार दिसंबर को श्रद्धालुओं को तिरुपरमकुंद्रम पहाड़ी स्थित मंदिर परिसर में ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने की अनुमति दी थी। साथ ही अदालत ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए थे।

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने इस पूरे विवाद पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी आस्थाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कल्याण ने कहा कि हिंदू रीति-रिवाजों पर होने वाले हमलों का विरोध करना हर हिंदू का धर्म और दायित्व है।


“हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है” — पवन कल्याण का आरोप

पवन कल्याण ने कहा कि हिंदू परंपराओं पर हर स्तर पर चुनौती दी जा रही है, और जहां भी ऐसा हो रहा है, वहां हिंदुओं को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सनातन धर्म की रक्षा केवल उनका काम नहीं, बल्कि हर हिंदू की जिम्मेदारी है। इसी के मद्देनज़र उन्होंने ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ बनाने की आवश्यकता दोहराई।


साबरीमला फैसला और महाभियोग की तुलना

पवान कल्याण ने संसद में मद्रास हाई कोर्ट के न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की मांग उठाए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समय हिंदुओं ने भावनात्मक और कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन तब किसी न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की मांग नहीं की गई थी।

उन्होंने कहा कि संविधान सभी धर्मों को बराबरी का अधिकार देता है, इसलिए न्याय और अधिकारों का पालन एक समान तरीके से किया जाना चाहिए।


DMK सरकार पर मंदिर मामलों में हस्तक्षेप का आरोप

पवन कल्याण ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर मंदिरों के मामलों में जरूरत से अधिक दखल देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति कर रहे हैं, जिससे हिंदू परंपराओं को नुकसान पहुंच रहा है।


क्या है मामला?

मद्रास हाई कोर्ट ने दरगाह के पास स्थित मंदिर में ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने की अनुमति देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। इसके विरोध में तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने पांच दिसंबर को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति जताई।


“हिंदू विभाजित हैं, इसलिए कमजोर दिखाई देते हैं”

पवन कल्याण ने कहा कि देश में हिंदू बहुसंख्यक होने के बावजूद जाति, भाषा और क्षेत्रीय आधार पर विभाजित हैं। ऐसे विभाजन के कारण हिंदू एकता का दावा कमजोर हो जाता है। उन्होंने कहा कि मंदिर जाने वाला हर भक्त और सनातन धर्म में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति इस राजनीतिक झुकाव और अवसरवाद पर सवाल उठाए।

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