एक ओर कोरोना से स्कूल बंद पड़े हुए हैं तो दूसरी ओर ऐसे भी शिक्षक हैं जो इस समय का सदुपयोग कर ऑनलाइन शिक्षण कार्य कर बच्चों के भविष्य के साथ ही स्कूल को संवारने के काम में जुटे हुए हैं। यहां बात हो रही है कीर्तिनगर के समीप राइंका भल्लेगांव बगवान के जीव विज्ञान प्रवक्ता महेंद्र दत्त बंगवाल की। जो अपने स्वयं के संसाधनों से विद्यालय भवन को संवारने में जुटे हुए हैं। अपने खर्चें से उन्होंने अपनी जीव विज्ञान की लैब में रंग-रोगन कर उसे आकर्षक रूप दिया है।
महेंद्र दत्त बंगवाल राइंका भल्लेगांव में गत एक वर्ष से सेवाएं दे रहे हैं। जीव विज्ञान की लैब की हालत ठीक न होने पर उन्होंने बिना सरकारी मदद के इसे संवारने का निर्णय लिया। इसी के चलते वह कोरोना के चलते स्कूल बंद होने के बावजूद स्कूल में पहुंचकर लैब की दीवारों, ग्रील, दरवाजों व खिड़कियों पर रंग-रोगन करने में जुटे हुए हैं। वह अकेले ही सुबह से सायं तक इस कार्य में लगे हैं। बकौल महेंद्र स्कूल की लैब में रंग-रोगन की जरूरत को देखते हुए उन्होंने स्वयं इसकों संवारने का निर्णय लिया। वह कहते हैं कि लैब को संवारने के साथ विद्यालय से ही बच्चों को दो घंटे ऑनलाइन शिक्षण कार्य भी करा रहे हैं। उनके इस कार्य लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।
अपने खर्च से स्कूल को संवार रहे महेंद्र
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